चैंपियन ने यूपी से किस्मत आजमाने का बनाया मन, उत्तराखंड को बोला बाय-बाय, उमेश पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Jan 9, 2023, 10:04 PM IST

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बीजेपी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के निर्वाचन को लेकर जो याचिका दायर की थी, उस पर 27 फरवरी के बाद सुनवाई होगी. ये जानकारी खुद कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने दी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पहाड़ और मैदान के नेताओं में फर्क किया जाता है.

चैंपियन ने यूपी से किस्मत आजमाने का बनाया मन.

नैनीताल: अक्सर अपने बयानों और कारनामों से चर्चा में रहने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने फिर से तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अधिकारी, नेताओं पर हावी है. जिस कारण उत्तराखंड का विकास थमा हुआ है. इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश का बेटा बताया है. चैंपियन ने ये बयान नैनीताल में दिया है. नैनीताल में चैंपियन हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर निर्वाचन याचिका की सुनवाई के सिलसिले में पहुंचे थे.

चैंपियन ने आरोप लगाया है कि विधायक उमेश कुमार के खिलाफ 28 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें से एक मुकदमा 376 का है. उमेश कुमार के निर्वाचन को लेकर एक याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि उमेश कुमार के खिलाफ जो 376 का मुकदमा दर्ज है, उसका जिक्र उमेश कुमार ने अपनी नामांकन भरते वक्त हलफनामे में नहीं दिया है. इस मामले में उनकी विधायकी जाएगी. इस मामले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 27 फरवरी सुनवाई करने की बात कही है.
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बता दें कि 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी कुंवर रानी देवयानी को बीजेपी ने खानपुर विधानसभा सीटे से मैदान में उतारा था, लेकिन इस चुनाव में वो उमेश कुमार से मात खा गईं. इस हार के बाद से ही उमेश कुमार और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

इसके अलावा चैंपियन ने उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी और नेताओं पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में नो वर्क कल्चर है. इस दौरान चैंपियन का खुद भी बाहर आया. चैंपियन ने कहा कि वो चार बार विधायक बने, लेकिन उन्हें कभी मंत्री नहीं बनाया गया. उत्तराखंड में पहाड़ का पहली बार का विधायक भी मंत्री बन जाता है. लेकिन मैदान के चार बार के विधायक को भी मंत्री नहीं बनाया जाता है.
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चैंपियन ने कहा कि उत्तराखंड में उन्हें वो सम्मान नहीं मिला है. इसीलिए आज वो उत्तराखंड को बाय-बाय करके यूपी में जा रहे हैं. शायद उनकी वहां कोई पूछ हो जाए. इस दौरान चैंपियन ने गुर्जर समुदाय का इतिहास का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि गुर्जर समुदाय का इतिहास 1952 से लंदन सरकार की निगरानी में उनके पुस्तकालय में बंद है. यदि वे सांसद बने तो सबसे पहले गुर्जर समुदाय के इतिहास को भारत लाएंगे.

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