Ramcharitmanas Controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य के विरोध में संत समाज, पार्टी से निष्कासित करने की मांग
Updated on: Jan 23, 2023, 6:24 PM IST

Ramcharitmanas Controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य के विरोध में संत समाज, पार्टी से निष्कासित करने की मांग
Updated on: Jan 23, 2023, 6:24 PM IST
रामचरितमानस विवाद पर स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब हरिद्वार के संत समाज ने स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध शुरू कर दिया है. संतों ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बिना देर किए पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है.
हरिद्वार: रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है. साधु-संतों ने रामचरितमानस पर की गई इस टिप्पणी की घोर निंदा की है. संतों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से तत्काल समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को निष्कासित करने की मांग की है. संतों ने कहा इस तरह की अभद्र टिप्पणी करना स्वामी प्रसाद मौर्य की मानसिकता को दर्शाता है.
साधु संतों ने कहा समाजवादी पार्टी सत्ता से बाहर होने के कारण ऐसी टिप्पणी कर रही है. रामचरितमानस एक रचना है जो भेदभाव, छुआछूत और महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल है. ऐसी बातें करके स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी मानसिक स्थिति लोगों के सामने रख रहे हैं. संतों ने कहा समस्त हिंदू समाज को उनका बहिष्कार करना चाहिए.
संत समाज ने कहा राम के चरित्र की अगर बात की राम ने शबरी के यहां जाकर बेर भी खाएं और केवट से दोस्ती भी निभाई. इतना ही नहीं उन्होंने पूरी रामायण में सरलता से ही सब से बात की. इस तरह के लोग हिंदू धर्म के प्रति लगातार टिप्पणी करते हैं. इन्हें कुछ हासिल नहीं होता. इनकी केवल मानसिक हालत बिगड़ी हुई है, इन लोगों का बहिष्कार होना चाहिए और इन पर देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए.
दरअसल, स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस को प्रतिबंधित करने की बात कही. साथ ही साथ रामचरितमानस पर उन्होंने कहा तुलसीदास की रामायण में दलितों, पिछड़ों का अपमान किया गया है. जिसको लेकर अब समस्त साधु समाज में रोष है.
