Municipal Corporation Board Meeting: हरिद्वार की सफाई व्यवस्था पर सवाल, कुत्ते-बंदरों के आतंक का मुद्दा भी उठा
Updated on: Jan 25, 2023, 5:27 PM IST

Municipal Corporation Board Meeting: हरिद्वार की सफाई व्यवस्था पर सवाल, कुत्ते-बंदरों के आतंक का मुद्दा भी उठा
Updated on: Jan 25, 2023, 5:27 PM IST
महीनेभर की उठापटक के बाद आखिरकार आज हरिद्वार टाउन हॉल में नगर निगम की बोर्ड बैठक हुई. हालांकि, बैठक में कांग्रेस और भाजपा पार्षदों ने अपने-अपने मुद्दों को लेकर हंगामा किया लेकिन बैठक संपन्न हो सकी. मुख्य रूप से हरिद्वार शहर की सफाई को लेकर सवाल उठाए गए.
हरिद्वार: मेयर अनिता शर्मा और नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती की अध्यक्षता में बुधवार को टाउन हॉल में नगर निगम बोर्ड की बैठक संपन्न हुई. बोर्ड बैठक में प्रमुख शहर की सफाई व्यवस्था का मुद्दा प्रमुख रहा. सफाई व्यवस्था के मामले ने जहां भाजपा ने कांग्रेस की मेयर पर निशाना साधा जबकि कांग्रेस पार्षदों ने नगर आयुक्त को घेरने की कोशिश की. इससे पहले ये बैठक 26 दिसंबर 2022 को रखी गई थी जो हंगामे के कारण स्थगित कर दी गई थी.
बोर्ड बैठक में भाजपा और कांग्रेस पार्षदों ने वार्ड क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया. भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि पूरा हरिद्वार शहर कूड़े के ढेर पर खड़ा है. वहीं, कांग्रेस के पार्षदों ने वार्ड क्षेत्र से कूड़ा उठाने वाली दोनों कंपनी के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते हुए कहा कि कंपनी ने नगर निगम के वाहनों को खराब कर दिया है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि कंपनी को दिए गए नगर निगम के वाहनों के पुर्जे तक चोरी हो रहे हैं. नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने भी नगर निगम क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी के कार्य पर असंतोष जाहिर किया.
इसके साथ भाजपा पार्षदों ने मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती को हरिद्वार में आवारा कुत्तों और बंदरों के आतंक को लेकर एक ज्ञापन दिया. पार्षदों ने मुख्य नगर आयुक्त से मांग करते हुए कहा कि इसे संज्ञान में लें और वन विभाग और जिला प्रशासन को इस पर मुहिम चलाने को कहा जाए. जिस पर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने सहमति जताते हुए प्रशासन से बात कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
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हंगामे की भेंट चढ़ चुकी हैं पुरानी बैठकें: इससे पहले दिसंबर महीने में दो बार बोर्ड बैठक बुलाई गई थी जो जबरदस्त हंगामे के कारण नहीं हो सकीं. आखिरी बार 26 दिसंबर को बैठक बुलाई गई थी जो किसी कारणवश नहीं हो पाई थी. उससे पहले 13 दिसंबर को बैठक हुई थी जिसमें भाजपा पार्षदों ने जमीन पर बैठकर मेयर व एमएनए के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की थी और पूछा था कि आखिर हरिद्वार का असली मेयर कौन है? पार्षद मेयर अनीता शर्मा से बार-बार यही पूछा जा रहा था कि मेयर वो हैं या उनके पति अशोक शर्मा. इसके साथ ही भाजपा के पार्षदों ने मेयर के पति अशोक शर्मा पर नगर निगम के विकास कार्यों में अड़ंगा डालने और बोर्ड को ना चलने देने के आरोप भी लगाए थे. हंगामे के बीच कोई घटना ना हो जाए इसको लेकर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था.
