धर्मांतरण कानून पर संतों का सरकार को समर्थन, बोले- बस कागजों पर ही न रह जाए नियम

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Published : Nov 21, 2022, 4:36 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 5:43 PM IST

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उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून पर सरकार को हरिद्वार के संतों का समर्थन मिल रहा है. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी का कहना है कि धर्मांतरण पर सख्त कानून लाए जाने से श्रद्धा और निधि गुप्ता जैसी घटनाओं पर लगाम लगेगी.

हरिद्वारः उत्तराखंड सरकार द्वारा धर्मांतरण (conversion law) पर सख्त कानून बनाए जाने की तैयारी के बाद धर्मनगरी हरिद्वार से सरकार के इस फैसले को लेकर एक तरफा समर्थन मिल रहा है. धर्मांतरण कानून पर बोलते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी (Akhara Parishad President Mahant Ravindra Puri) का मानना है देश में जिस तरह से माहौल है, जहां आए दिन श्रद्धा और निधि गुप्ता जैसी मासूम बच्चियों के टुकड़े किए जा रहे हैं. वहां पर इस कानून की बहुत जरूरत हैं.

सरकार द्वारा धर्मांतरण पर सख्त कानून लाए जाने से ऐसी घटनाओं पर लगाम लगेगी. उन्होंने कहा कि आज देखने में आता है कि कई लोग अपना असली नाम बदल कर ढाबे खोल कर बैठे हैं. ये लोग अपना नाम बदल कर मासूम बहनों को बरगलाने का काम करते हैं. सरकार द्वारा धर्मांतरण पर सख्त कानून लाए जाने ओर सख्त सजा मिलने से किसी की ऐसा करने की हिम्मत नहीं होगी.

धर्मांतरण कानून पर संतों का सरकार को समर्थन
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वहीं, शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop) ने सरकार द्वारा सख्त धर्मांतरण कानून लाए जाने का स्वागत किया. उनका मानना है कि इस कानून के तहत आरोपी की सजा 10 साल ना होकर आजीवन कारावास की होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि इस धर्मांतरण कानून का हश्र सरकार के अन्य कानूनों की भांति नहीं होना चाहिए. जिस तरह से पहाड़ में धर्मांतरण का तांडव चल रहा है, वह भी इस कानून से रुकेगा.

Last Updated :Nov 21, 2022, 5:43 PM IST
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