'41 श्रमिकों की जान से साथ प्रयोग की किसी को नहीं इजाजत', रेस्क्यू ऑपरेशन पर उठे सवाल, यशपाल आर्य ने बोला हमला

'41 श्रमिकों की जान से साथ प्रयोग की किसी को नहीं इजाजत', रेस्क्यू ऑपरेशन पर उठे सवाल, यशपाल आर्य ने बोला हमला
Yashpal Arya on Silkyara Tunnel accident उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे पर विपक्ष ने धामी सरकार के साथ ही निर्माणदायी संस्था पर सवाल खड़े किये हैं. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा किसी को भी देश के 41 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए.
उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में बीते 8 दिनों से फंसे मजदूरों को अब तक नहीं निकाला जा सका है. आज आठवें दिन भी मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 8 दिनों बाद भी मजदूरों के रेस्क्यू न होने पर कांग्रेस ने धामी सरकार पर हमला बोला है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने धामी सरकार के साथ ही राज्य के आपदा प्रबंधन पर सवाल खड़े किये हैं.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा सिलक्यारा टनल मामले ने न केवल प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खुल गई है. उन्होंने कहा एक सप्ताह से देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़ा है. अब सब्र का बांध टूट रहा है. उन्होंने कहा सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जवाबदेही भी तय करनी होगी. उन्होंने कहा देश के 41 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 41 लोगों की जिंदगियां सप्ताह भर से संकट में फंसी हुई हैं और अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग किया जा रहे हैं. यशपाल आर्य ने कहा सरकार को यह साफ करना चाहिए कि करीब 5 किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने और बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्रावधान था या नहीं? उन्होंने कहा यदि प्रोजेक्ट में यह प्रावधान था तो कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम क्यों कर रही थी. अगर ऐसा है तो सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए.
