CORONA: देहरादून में दो इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित, ये रहेंगी पाबंदियां

author img

By

Published : Nov 25, 2021, 9:32 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 10:57 PM IST

corona containment zone

देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में एक बार फिर कोरोना बम फूटा है. यहां एक साथ 11 आईएफएस अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद दो जगहों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है.

देहरादूनः वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में 11 आईएफएस अधिकारी (Indian Forest Service) कोरोना पॉजिटिव (corona positive) पाए गए हैं. जिसके चलते एसडीएम ने एफआरआई को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. साथ ही एसडीएम ने इस क्षेत्र को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं, जी-2 बी-19 तिब्बतन कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड, कुल्हाल को भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है.

बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना वायरस (Corona virus in uttarakhand) के केस कम होने के बाद बीते कई महीनों से देहरादून में कंटेनमेंट जोन नहीं बनाए जा रहे थे, लेकिन वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में 11 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद दो माइक्रो कंटेनमेंट जोन (micro containment zone) बनाए गए हैं.

कंटेनमेंट जोन की जानकारी देते जिलाधिकारी आर राजेश कुमार.

पहला कंटेनमेंट जोन इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल एफआरआई में बनाया गया है. जबकि, दूसरा कंटेनमेंट जोन जी-2 बी-19 तिब्बतन कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड, कुल्हाल को घोषित किया गया है. यहां 5 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में गुरुवार को मिले कोरोना के 8 नए संक्रमित, तीन जिला कोरोना मुक्त

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार (DM R Rajesh Kumar) ने कोरोना केस मिलने के बाद एसडीएम को उक्त क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएमओ को इन क्षेत्रों में सैंपलिंग कर नियमित मॉनिटरिंग कराने को कहा है. वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी को इन क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं समेत खाद्यान्न की आपूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं.

डीएम आर राजेश कुमार ने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल, एफआरआई को से पूर्ण रूप से कंटेनमेंट जोन (containment zone) बनाया गया है और सभी स्थानीय लोग अपने घरों में ही रहेंगे.

पिछले साल भी FRI से ही आया था पहला मामला: प्रदेश में पिछले साल 2020 में भी कोरोना का सबसे पहले मामला एफआरआई से ही सामने आया था. तब भी यहां ट्रेनिंग कर रहे आईएफएस अफसरों में कोरोना की पुष्टि हुई थी. यहां प्रशिक्षु अधिकारी को विदेश की ट्रेनिंग से लौटने पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. वहीं, संक्रमित अफसर के संपर्क में आने वाले दो अन्य ट्रेनी अधिकारियों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था.

ऐसे में तीन केस सामने आने के बाद सरकार ने 19 मार्च 2020 में 1200 एकड़ से फैले एफआरआई परिसर को कुछ दिनों के लिए सील कर दिया था. संस्थान पूरी तरह सील होने के बाद ढाई हजार से अधिक कर्मचारी, अधिकारी और 1600 फैमिली क्वॉर्टर में रहने वाले परिवार FRI के अंदर फंस गए थे. इसके बाद प्रदेश के अन्य जगहों पर भी कोरोना के केस पाए जाने लगे.

Last Updated :Nov 25, 2021, 10:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.