दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म-हत्या: पॉक्सो कोर्ट ने दी फांसी, HC से बरी, SC में दूसरी रिव्यू पिटिशन खारिज

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Published : Nov 22, 2021, 4:41 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 5:07 PM IST

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ऋषिकेश में दो मासूम बच्चियों की हत्या-दुष्कर्म मामले में आरोपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को दोबारा खारिज कर दिया है. इस केस में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन हाईकोर्ट से वो बरी हो गया. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दूसरी बार रिव्यू पिटिशन खारिज हो गई है, जिसको लेकर कानूनी जानकारी भी बेहद हैरान हैं.

देहरादून: साल 2017 में ऋषिकेश में दो मासूम बच्चियों की दुष्कर्म के बाद हत्या हुई थी. इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 23 अगस्त 2018 को आरोपी सरदार परवान सिंह को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद आरोपी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से उसे दोषमुक्त कर दिया गया था. मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी बार भी खारिज कर दिया है. याचिका खारिज होने से कानूनी जानकार भी हैरान हैं.

बता दें साल 2017 में ऋषिकेश में दो मासूम बच्चियों की हत्या और दुष्कर्म मामले में आरोपी सरदार परवान सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका दूसरी बार खारिज किए जाने की जानकारी सामने आयी है. सर्वोच्च न्यायालय से इस मामले में रिव्यू पिटीशन खारिज होने की खबर सामने आने के बाद कानूनी जानकार भी हैरान हैं. इससे पहले इस जघन्य मामले में आरोपी को तमाम पर्याप्त साक्ष्य, साइंटिफिक एविडेंस और गवाहों के आधार पर देहरादून की पॉक्सो कोर्ट से वर्ष 2018 में फांसी की सजा सुनाई गई थी. पॉस्को कोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ जब अभियुक्त द्वारा हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई तो वहां से उसे इस केस में अभियुक्त सरदार परवान सिंह को दोषमुक्त कर दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दूसरी बार खारिज

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ऐसे में इस जघन्य मामले में उत्तराखंड शासन के आदेश अनुसार देहरादून पुलिस ने साल 2019-20 में आरोपी के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. वहां से पहली याचिका स्वीकार नहीं की गई. ऐसे में दून पुलिस द्वारा एक बार फिर 3 मार्च 2021 को पुनर्विचार याचिका इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई, जिसे अब खारिज कर दिया गया है. अब इस मामले में देहरादून पुलिस और पॉक्सो कोर्ट शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक आगे की कानूनी प्रक्रिया क्या रहेगी इसको लेकर राज्य सरकार ही निर्णय ले सकती है.

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हत्या और दुष्कर्म में आरोपी के खिलाफ सभी सबूत: इस मामले में देहरादून पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने कहा, ये फैसला अफसोस और हैरान करने वाला है. जिस आरोपी के खिलाफ दो मासूम बच्चों की हत्या और रेप के तमाम सबूत और साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर पॉक्सो कोर्ट से फांसी की सजा हुई थी, उसे हाईकोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया. अब जिस तरह से सर्वोच्च न्यायालय में भी इस मामले की पुनर्विचार याचिका दूसरी बार खारिज की है, वह कानूनी प्रक्रिया के तहत बेहद अफसोस का विषय है.

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पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि वर्ष 2017 में ऋषिकेश में दो मासूम बच्चों की हत्या और दुष्कर्म मामले की पैरवी पहले दिन से पॉक्सो कोर्ट में कर रहे हैं. कोर्ट में 2 सितंबर 2017 को चार्जशीट दाखिल होने के बाद तेजी से सुनवाई हुई. कोर्ट प्रक्रिया के मुताबिक, लगभग एक साल के दरमियान ही मासूम बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या करने के मामले में आरोपी सरदार परवान सिंह के खिलाफ तमाम साक्ष्य, साइंटिफिक एविडेंस, डीएनए और पर्याप्त गवाहों के आधार पर 23 अगस्त 2018 को इस मामले में सरदार परवान सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी.

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हालांकि, दोषी करार अभियुक्त ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. जहां से उसे दोषमुक्त कर दिया गया. पॉक्सो कोर्ट शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक, अब सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई है. अब राज्य सरकार को इस जघन्य मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए आगे आना होगा ताकि देश की न्यायिक प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास बना रहे.

आगे की कानूनी प्रक्रिया राज्य सरकार आदेश मुताबिक: इस मामले में देहरादून डीआईजी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि निचली अदालत से दो बच्चों की हत्या और दुष्कर्म मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाने के बाद हाईकोर्ट की अपील में अभियुक्त को दोष मुक्त कर दिया गया था. इसी निर्णय को चुनौती देते हुए राज्य सरकार के आदेश मुताबिक, दून पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन पहली याचिका के बाद दूसरी पुनर्विचार याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी है. ऐसे में अब इस मामले में आगे किस तरह की कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, इसके लिए राज्य सरकार के आदेश मुताबिक अगला कदम लिया जा सकता है.

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क्या था मामला: पुलिस के मुताबिक, 15 जुलाई 2017 को ऋषिकेश में स्थित पंजाब नेशनल बैंक के समीप श्यामपुर में 13 साल और 3 साल की दो सगी बहनों की हत्या का मामला सामने आया. इस मामले में शिकायतकर्ता पीड़ित मां ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रारंभिक जांच पड़ताल में तत्कालीन विवेचना अधिकारी निहारिका भट्ट ने जांच पड़ताल में पाया गया कि बच्चियों के साथ बलात्कार भी हुआ है.

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इस मामले में साइंटिफिक एविडेंस और अन्य सबूतों के आधार पर इस जगह ने घटनाक्रम में पुलिस ने छानबीन कर अभियुक्त सरदार परवान सिंह (पुत्र सरदार छोटे सिंह निवासी नजीबाबाद बिजनौर) को गुरुद्वारा कलीधर सभा ऋषिकेश से गिरफ्तार किया. इस मामले में पुलिस ने अपनी जीडी में हत्या की 302 के साथ ही दुष्कर्म की धारा 376 और 5/6 पॉक्सो एक्ट की बढ़ोतरी की.

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पुलिस ने इस मामले में इन्वेस्टिगेशन के बाद सबूत एकत्र कर 2 सितंबर 2017 को देहरादून पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. पुलिस के आरोप पत्र और तमाम सबूत, डीएनए, साइंटिफिक एविडेंस और तमाम गवाहों को पर्याप्त मानते हुए पॉक्सो कोर्ट ने 23 अगस्त 2018 को इस मामले में सरदार पवन सिंह को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.

Last Updated :Nov 22, 2021, 5:07 PM IST
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