उत्तराखंड के मदरसों में शिक्षा नीति के तहत नहीं होती है पढ़ाई! हिंदू बच्चों के पढ़ने पर गरमाई सियासत
Published: Nov 17, 2023, 6:39 PM


उत्तराखंड के मदरसों में शिक्षा नीति के तहत नहीं होती है पढ़ाई! हिंदू बच्चों के पढ़ने पर गरमाई सियासत
Published: Nov 17, 2023, 6:39 PM

Education of Madrassas in Uttarakhand उत्तराखंड के मदरसों में हिंदू बच्चों के पढ़ाई करने का मामला सामने आने के बाद जहां सियासत गरमाई हुई है तो वहीं उत्तराखंड बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने भी मदरसों का निरीक्षण कर कई खुलासे भी किए हैं. बाल आयोग के निरीक्षण में कई तरह की खामियां मिली है. जानिए क्या-क्या खामियां मदरसों में पाई और क्या बयान आ रहे सामने...
देहरादूनः उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के 30 मदरसों में 749 हिंदू बच्चों के पढ़ने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जांच करने की बात कही थी तो वहीं उत्तराखंड बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने भी प्रदेश के तमाम मदरसों का निरीक्षण किया. बाल आयोग के इस निरीक्षण के दौरान मदरसों में तमाम खामियां पाई गई. जबकि, मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इस बात का दावा कर रहे हैं कि मदरसों में हिंदू बच्चों को मुस्लिम दीनी तालीम नहीं बल्कि, एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई करवाई जाती है.
मदरसों में हिंदू बच्चों के पढ़ाई करने का मामला आय था सामनेः दरअसल, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड में रजिस्टर्ड 30 मदरसे ऐसे हैं, जहां पर हिंदू परिवारों के बच्चे पढ़ते नजर आए. ये 30 मदरसे हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में स्थित हैं. मामले की गंभीरता और बच्चों के राइट टू एजुकेशन को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को नोटिस जारी किया था. साथ ही इसके पीछे की वजह को लेकर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी थी, लेकिन इसी बीच उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मदरसों का निरीक्षण किया. जिसमें तमाम अव्यवस्थाओं की बातें उजागर हुई है.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निरीक्षण में मिली भारी खामियांः ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की डॉक्टर गीता खन्ना ने कहा कि मदरसों के छापेमारी के दौरान देखा गया कि मदरसों में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर कुछ नहीं था. न तो बिजली की सुविधा थी न ही वेंटिलेशन की सुविधा थी. इतना ही नहीं मदरसों में टॉयलेट्स की सुविधा भी मिली. उन्होंने कहा कि शिक्षण सामग्री की बात करें तो एक राष्ट्रीय सोच के स्तर और एक अच्छे व्यक्तित्व के स्तर से पूरी नहीं थी. जबकि, बोर्ड के रजिस्टर्ड होने के बावजूद उसकी शिक्षा, शिक्षा नीति के अनुरूप भी नहीं है. साथ ही कहा कि मदरसों में कुछ भी ट्रांसपेरेंसी नहीं है.
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मदरसे में क्या हिंदू बच्चों को दिया जाता है धार्मिक ज्ञान? वहीं, मदरसों में एनसीईआरटी की पुस्तकों का इस्तेमाल न किए जाने के सवाल पर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि मदरसे मनमानी नहीं कर सकते हैं. ऐसे में मदरसों को खुद को नियमित करना होगा. साथ ही जो कोर्स हैं, उसको पढ़ना होगा. लिहाजा, एनसीईआरटी हमारा कोर्स है, उसको ही पढ़ाते हैं. हालांकि, जो धार्मिक शिक्षा देते हैं, वो उनका का अलग विषय है, जो मुस्लिम बच्चों को दी जाती है, लेकिन हिंदू बच्चों को कोई धार्मिक ज्ञान नहीं दी जाती है.
क्या बोले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट? बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि अभी तक हर बातें दबाई जाती थी, लेकिन सीएम धामी के कार्यकाल में सरकार हर मामलों की जांच कर रही है. सरकार के सामने कोई मुद्दा निकलकर आता है तो उन विषयों की जांच होनी चाहिए और भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो, इसे देखते हुए आगे बढ़ रही है. साथ ही कहा कि छात्र संख्या विद्यालय में बनी रहे, इस उद्देश्य से ये चीजें की जा रही थी. ऐसे में इस पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग से जो अनुदान राशि मिलती है, उसी का ही खेल है. लिहाजा, ऐसे विषयों का संज्ञान लेते हुए सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.
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कांग्रेस बोली- बेहतर शिक्षा मुहैया नहीं करवा पा रही बीजेपी, हिंदू बच्चे मदरसों में पढ़ने को मजबूरः वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने बताया कि सनातन हिंदुत्व और धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी बीजेपी है. ये बीजेपी के प्रचंड हिंदुत्व का मॉडल है कि बच्चों को बेसिक शिक्षा भी नहीं दे पा रहे हैं. जिसके चलते लोग अपने बच्चों को मदरसों में पढ़ाने को मजबूर हैं. ये उन हिंदुओं के बच्चे हैं, जिनके नाम पर बीजेपी जनता से वोट मांगती है. लिहाजा, ये सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर करारा तमाचा है. साथ ही कहा कि बीजेपी बातें तो बड़ी-बड़ी करती हैं, लेकिन धरातल पर यही सब देखने को मिलता है.
