Joshimath Update: मौसम बना मुसीबत, राहत शिविरों में अलाव और हीटर की व्यवस्था, पीड़ितों में 18 प्रसूता महिलाएं भी शामिल

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Published : Jan 20, 2023, 6:34 PM IST

Updated : Jan 20, 2023, 7:24 PM IST

Disaster Management Secretary Ranjit Kumar Sinha

जोशीमठ आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों के बीच भारी बर्फबारी होने से स्थानीय लोगों और राहत कार्य में जुटी टीमों की मुश्किलें थोड़ा बढ़ गई हैं. हालांकि, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि इस परिस्थितियों में भी बचाव और जांच कार्य लगातार जारी है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार की ओर से जोशीमठ में अबतक हुए कार्यों, जांच और पुनर्वास संबंधित जानकारी दीं.

आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा.

देहरादून: जोशीमठ भू-धंसाव संकट के बीच लगातार बर्फबारी हो रही है. लगातार घट रहे तापमान ने जोशीमठ के आपदा पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. वहीं दूसरी तरफ असुरक्षित भवनों और होटलों को तोड़े जाने का काम भी रुक गया है. ऐसी स्थिति में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा क्या कुछ व्यवस्था की गई हैं, इसको लेकर आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जानकारी दी.

जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के बाद राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित कार्यों को आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मीडिया के सामने रखा. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में लगातार बर्फबारी से तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है. हालांकि इससे राहत और बचाव कार्य के अलावा जांच कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं हुई है. लगातार बढ़ रही ठंड के चलते राहत शिविरों में हीटर और अलाव की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
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आपदा प्रबंधन सचिव ने जानकारी दी कि अब तक जोशीमठ में सर्वे के दौरान 863 घरों में दरारें चिन्हित की गई हैं. इसके अलावा जोशीमठ जेपी कॉलोनी में हो रहे पानी के रिसाव में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. पानी का डिस्चार्ज परसों 100LPM से बढ़ाकर कल 150LPM और आज 250LPM हो गया है. वहीं, अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में राहत शिविरों में कक्षों की संख्या 615 से बढ़ाकर 650 कर दी गई है, जिनकी क्षमता 2919 लोगों की है. पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है.

उन्होनें जानकारी दी कि सर्वेक्षण का कार्य जारी है. गांधीनगर में 1, सिंहधार में 2, मनोहरबाग में 5, सुनील में 7 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं. 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. कुल 269 परिवारों को सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है. विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 900 है.
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सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.27 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि 218 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है. इसके अतिरिक्त प्रभावित 8 किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये प्रति परिवार के हिसाब से 4 लाख रुपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में आवंटित की गयी है. जोशीमठ के नगर पालिका क्षेत्र में 18 प्रसूता महिलाएं हैं, जो वर्तमान में राहत शिविरों में नहीं हैं. यह प्रसूता महिलाएं स्वयं के आवासों में रह रही हैं, जिनका निरन्तर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. वहीं, राहत शिविरों में 10 वर्ष से कम आयु के 81 बच्चे हैं, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.

डॉ. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में विभिन्न तकनीकी संस्थानों द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण एवं अध्ययन कार्य लगातार जारी हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज फिर से जोशीमठ के आपदा प्रबंधन कार्यों के संबंध में बैठक ली है.

Last Updated :Jan 20, 2023, 7:24 PM IST
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