Protest in Dehradun: विधानसभा से बर्खास्त कमर्चारियों से मिलीं अनुकृति गुसाईं, दिया समर्थन

Protest in Dehradun: विधानसभा से बर्खास्त कमर्चारियों से मिलीं अनुकृति गुसाईं, दिया समर्थन
उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना जारी है. इन कर्मचारियों को कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा है. आज बर्खास्त कर्मियों से मिलने अनुकृति गुसाईं पहुंचीं. कांग्रेस नेता अनुकृति गुसाईं ने बर्खास्त कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया.
देहरादून: विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों का धरना 35वें दिन भी जारी है. कांग्रेस नेता अनुकृति गुसाईं बर्खास्त कर्मियों के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंची. इस दौरान अनुकृति गुसाईं ने कहा जब भर्ती प्रक्रिया 2001 से 2022 तक समान है. तो विधानसभा अध्यक्ष को चाहिए कि वर्तमान में एक नियम के तहत सभी बर्खास्त कार्मिकों को वन टाइम सेटलमेंट कर नियमित प्रक्रिया शुरू करने के लिए समिति गठित करें.
अनुकृति गुसाईं ने कहा स्पीकर का निर्णय आश्चर्यजनक है, किसी को रोजगार दे नहीं सकते तो किसी का रोजगार छीनने का अधिकार किसी को नहीं है. अनुकृति ने कहा अगर कार्मिकों को इंसाफ नहीं मिला तो युवाओं की आवाज बनकर आमरण अनशन करने के लिए कार्मिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी. अनुकृति ने कहा जल्द ही कर्मचारियों को बहाल किया जाना चाहिए. विपक्षी दल इस मामले में बर्खास्त कर्मचारियों के साथ है.
पढ़ें- जोशीमठ आपदा पीड़ितों ने मैगी खाकर गुजारी रात, ग्राउंड जीरो से Reality Check
अनुकृति गुसाईं ने कहा उत्तराखंड के युवाओं को जिस प्रक्रिया से रोजगार के अवसर मिलेंगे युवा उसका लाभ जरूर उठाएंगे. कार्रवाई उन पर हो जिन्होंने नीति नियम नहीं बनाए. इसमें निर्दोष बर्खास्त कर्मियों का क्या दोष है. बता दें इससे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और प्रीतम सिंह भी विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों के धरने को समर्थन देने पहुंचे थे. उन्होंने भी इस मामले में धामी सरकार को घेरते हुए बिना देर किये हुए बर्खास्त कर्मचारियों की बात सुनने की बात कही.
पढ़ें- विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को मिला करन माहरा का साथ, समिति रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
बर्खास्त कर्मियों की मांगों का समर्थन करते हुए करन माहरा ने कहा सिर्फ इन्हीं लोगों को हटाया गया है, कई बार विधानसभा अध्यक्ष बोल चुकी हैं कि इस मामले में कानूनी राय ली जाएगी. लेकिन 4 माह से अधिक का समय हो चुका है, अभी तक कानूनी राय नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा सिंगल बेंच के बाद मामला डबल बेंच के पास गया. इससे बीजेपी की नियत का पता चलता है.
