शारदीय नवरात्र 2021ः शक्तिपीठ है मां पूर्णागिरि का मंदिर, यहां है मां सती की ये निशानी

author img

By

Published : Oct 7, 2021, 2:59 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 4:56 PM IST

champawat

चंपावत जिले की मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ का मंदिर श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र है. मां पूर्णागिरि का मंदिर मां के 52 शक्तिपीठों में से एक है.

चंपावतः टनकपुर नगर से 30 किलोमीटर दूर स्थित मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ मंदिर है. यह मंदिर मां के 52 शक्तिपीठों में से एक है. कहा जाता है कि पौराणिक काल में जब भगवान शिव माता सती के शव को लेकर आकाश मार्ग से जा रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शव के 52 टुकड़े कर दिए थे. उस समय सती की नाभि इस स्थान पर गिरी थी. तब से इस स्थान को मां पूर्णागिरि के नाम से पूजा जाता है.

कहा जाता है कि इस शक्तिपीठ में पांडवों ने भी अपने कष्टों के निवारण हेतु मां पूर्णागिरि की पूजा की थी. यहां की लोक कथाओं में कहा जाता है कि माता का यह मंदिर समय की परतों में खो गया था. वर्तमान में जो मंदिर है, इसका निर्माण कुमाऊं के चंद्रवंशी राजाओं ने अपने पंडित श्रीचंद्र तिवारी के कहने पर करवाया था, जिन्हें माता ने सपने में दर्शन देकर इस स्थान का राज बताया था. तभी से इस स्थान पर हर साल चैत्र नवरात्रों में मेला लगता है जिसमें देश के कोने-कोने से तीर्थ यात्री माता के दर्शन हेतु यहां आते हैं.

शक्तिपीठ है मां पूर्णागिरि का मंदिर

ये भी पढ़ेंः शारदीय नवरात्र 2021ः मां ज्वाल्पा मंदिर में होती है भक्तों की मनोकामना पूरी

इस शक्तिपीठ की यह मान्यता है कि अगर कोई भक्त सच्चे मन से माता के दरबार में अपनी मन्नत मांग कर चुन्नी से गांठ बांधता है, तो उसकी मुराद जरूर पूरी होती है.

ऐसे पहुंचें पूर्णागिरि मंदिर: समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर, ये मंदिर चंपावत जिले के टनकपुर में है. पिथौरागढ़ से इस मंदिर की दूरी 171 किलोमीटर दूर है. पूर्णागिरी मंदिर में पूरे देश के सभी भागों के भक्तों द्वारा यात्रा की जाती है, जो यहां बड़ी संख्या में आते हैं. मां का शक्तिपीठ होने के कारण नवरात्रों में यहां श्रद्धालु विशेष रूप से आते हैं.

पूर्णागिरी जिसे पुण्यगिरि भी कहा जाता है, से काली नदी मैदानों में उतरती है और इसे शारदा नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की यात्रा के लिए एक वाहन द्वारा ठुलिगाड़ तक जाया जा सकता है. इस जगह से ‘पुण्य पर्वत’ का दक्षिण-पश्चिमी भाग देखा जा सकता. पूर्णागिरी पहाड़ी के उच्चतम बिंदु (मंदिर) से तीर्थयात्री काली का विस्तार, उसके द्वीप, टनकपुर का टाउनशिप और कुछ नेपाली गांव देख सकते हैं.

Last Updated :Oct 7, 2021, 4:56 PM IST

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.