Joshimath Crisis: धामी सरकार का बड़ा फैसला, केदारनाथ की तर्ज पर होगा जोशीमठ का पुनर्विकास
Updated on: Jan 16, 2023, 6:06 PM IST

Joshimath Crisis: धामी सरकार का बड़ा फैसला, केदारनाथ की तर्ज पर होगा जोशीमठ का पुनर्विकास
Updated on: Jan 16, 2023, 6:06 PM IST
जोशीमठ को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार गंभीरता से काम कर रही है. अब जोशीमठ शहर के पुनर्निर्माण को लेकर धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. धामी सरकार जोशीमठ में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की तर्ज पर ही जोशीमठ का भी पुनर्निर्माण करेगी. वहीं, जोशीमठ के जेपी कॉलोनी के दरार वाले घरों को तोड़ने का फैसला लिया गया है.
देहरादून/चमोली: जोशीमठ आपदा (joshimath disaster) के बाद राज्य सरकार अपनी तरफ से करोड़ों रुपए जोशीमठ पीड़ितों के लिए जारी कर रही है. साथ ही जोशीमठ में राहत और बचाव कार्य भी युद्धस्तर पर (Relief work in full swing in Joshimath) चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं जोशीमठ के लिए राज्य सरकार पूरा ब्लूप्रिंट तैयार (Joshimath blueprint ready) कर रही है. इसके तहत जोशीमठ का पुनर्विकास अब केदारनाथ (Joshimath Redevelopment on lines of Kedarnath) की तर्ज पर किया जाएगा. राज्य आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया जिस तरीके से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य किये गये हैं, उसी तरह से जोशीमठ में भी पुनर्निर्माण के काम किये जाएंगे.
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा (State Disaster Management Secretary Ranjit Sinha) ने बताया सीएम ने निर्देश दिए हैं कि पहाड़ में स्थित सभी शहरों में वैज्ञानिक जांच कराई जाए. जिस कड़ी में भविष्य में कदम उठाये जाएंगे. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा अभी सरकार का फोकस जोशीमठ पर है. सरकार जोशीमठ मामले को लेकर गंभीरता से काम रही है.
849 घरों में पड़ी दरार: जोशीमठ में दरारों के बढ़ने का सिलसिला जारी है. सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा के मुताबिक अभी तक 849 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं. जिसमें से 165 भवनों को पूरी तरह से रहने के लिए असुरक्षित बताया गया है. वहीं, जेपी कॉलोनी के दरार वाले घरों को तोड़ने का फैसला लिया गया है.
आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने जोशीमठ भू-धंसाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में पानी के रिसाव में कमी देखने को मिली है, जो 240 एलपीएम से घटकर 163 हो गया है. हालांकि अभी भी जोशीमठ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. अब तक 237 परिवारों के 800 लोगों को विस्थापित किया जा चुका है.
रोपवे पर फिलहाल कोई खतरा नहीं: आपदा सचिव रंजीत सिन्हा के मुताबिक जोशीमठ रोपवे पर अभी तक खतरे की बात नहीं आई है. लेकिन हालातों के मद्देनजर रोपवे को लेकर इंजीनियर की नियुक्ति की गई है. जो रोपवे की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं. जेपी कंपनी के कई भवनों में भी दरारें देखने को मिल रही है, जिसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा कंपनी प्रबंधन से वार्ता की जाएगी.
वहीं, जोशीमठ के इलाकों में दरारें बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. जिसको लेकर भवनों की मॉनिटरिंग के लिए क्राको मीटर भी लगाए गए हैं, जो दरारों के पैटर्न का अध्ययन करेंगे. इसके साथ ही स्थानीय निवासियों के विस्थापन की प्रक्रिया भी प्रशासन द्वारा शुरू की जा चुकी है. कोटि कॉलोनी, उद्यान विभाग, ढाक की भूमि सुरक्षित पाई गई है. इन्हीं स्थानों पर फेब्रिकेटेड शेल्टर का निर्माण किया जाएगा.
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जोशीमठ के हालात पर सीएम धामी (CM Dhami on the condition of Joshimath) पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. सीएम धामी ने बताया जोशीमठ में जिन घरों में दरारें (Cracks in 800 houses of Joshimath) आ गई हैं, उन्हें खाली करा लिया गया है. सरकार की तरफ से 1.5 लाख की अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है. जोशीमठ में सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है और हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.
