Joshimath Crisis: जोशीमठ प्रभावितों के विस्थापन की कवायद तेज, DM ने किया चयनित भूमि का निरीक्षण
Updated on: Jan 22, 2023, 12:03 PM IST

Joshimath Crisis: जोशीमठ प्रभावितों के विस्थापन की कवायद तेज, DM ने किया चयनित भूमि का निरीक्षण
Updated on: Jan 22, 2023, 12:03 PM IST
जोशीमठ में भू धंसाव से कई लोग अपने आशियानों को छोड़ चुके हैं. अपने आशियानों को छोड़ने का दर्द लोगों की आंखों में साफ देखा जा सकता है. वहीं प्रशासन लोगों के विस्थापन के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. जिसके लिए भूमि का चयन किया जा रहा है.
जोशीमठ: जोशीमठ में भू धंसाव से कई लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है. वहीं आपदाग्रस्त जोशीमठ में अन्य इलाकों में दरारें चिंता का सबब बनी हुई है. ऐसे में भूगर्भिक वैज्ञानिक वहां आपदा के कारणों की जांच-पड़ताल कर रहे हैं. वहीं डीएम हिमांशु खुराना ने जोशीमठ आपदा प्रभावित लोगों के विस्थापन को लेकर ग्राम ढाका में चिन्हित भूमि का मौके पर निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ पूरा प्रशासनिक अमला साथ था. वहीं जोशीमठ में प्रभावित इलाकों में ध्वस्तीकरण का कार्य जारी है.
जोशीमठ में भवनों को किया चिन्हित: इस मौके पर एम हिमांशु खुराना ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा अब तक 863 भवनों की पहचान कर चुका है, जहां भू धंसाव के कारण दरारें पाई गई हैं. इसमें से 181 भवनों को असुरक्षित जोन में रखा गया है.भू धंसाव प्रभावित जोशीमठ में बीते दिन बारिश और बर्फबारी हुई. जिससे कड़ाके की ठंड में आपदा प्रभावितों की मुश्किलें और बढा दी हैं. वहीं जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए सरकार की ओर से पूरी व्यवस्थाएं करवाई जा रही है. बर्फबारी और बारिश के बाद ठंड में इजाफा होने के बाद, प्रशासन भी मुस्तैदी हो गया है.
सीएम धामी खुद कर रहे मॉनिटरिंग: होटलों और राहत शिविरों में रह रहे प्रभावितों के लिए ब्लोअर, हीटर, गर्म कंबल, मोजे, जैसे सामान दिये जा रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदाग्रस्त जोशीमठ की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सीएम धामी ने आपदा प्रभावितों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो, इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है. बताते चलें कि जोशीमठ में आपदा प्रभावित 269 परिवारों के 900 सदस्यों को सुरक्षा के लिहाज से राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है. शासन-प्रशासन द्वारा आपदा प्रभावितों को राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा इत्यादि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. प्रभावित परिवारों को उनकी सुविधा एवं स्वेच्छा के अनुसार सुरक्षित गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल एवं धर्मशाला में ठहराया गया है.
