Uttarakhand Organic village: ऑर्गेनिक विलेज है उत्तराखंड का ये गांव, यहां मिलता है देश का सबसे महंगा घी
Updated on: Jan 20, 2023, 9:25 PM IST

Uttarakhand Organic village: ऑर्गेनिक विलेज है उत्तराखंड का ये गांव, यहां मिलता है देश का सबसे महंगा घी
Updated on: Jan 20, 2023, 9:25 PM IST
जोशीमठ ब्लॉक का करछी गांव ऑर्गेनिक विलेज के नाम से जाना जाता है. करछी गांव में ऑर्गेनिक उत्पादों पर फोकस किया जाता है. करछी गांव बदरी गाय के घी और मक्खन के लिये भी जाना जाता है. करछी गांव में देश का सबसे महंगा घी मिलता है.
चमोली: भू धंसाव की वजह से आज जोशीमठ पूरे देश और विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ हैं. वहीं, दूसरी ओर जोशीमठ ब्लॉक में ही 15 किलोमीटर की दूरी तय करने पर तपोवन के पास एक ऐसा गांव हैं, जिसे मिलावट के इस दौर में ऑर्गेनिक विलेज के नाम से जाना जाता है. जोशीमठ विकासखंड के इस दूरस्थ गांव का नाम करछी है, जो अनाज से लेकर घी, दूध के लिए खासतौर पर जाना जाता है.
भारत चीन सीमा के पास बसे करछी गांव में आज भी पानी से चलने वाली घराट यानी पनचक्की मौजूद है. गांव के लोग आज भी अपने उपयोग के लिये घराट से ही आटा पिसवा कर ले जाते हैं. घराट का पिसा हुआ आटा पौष्टिकता से भरपूर होता है. करछी गांव बदरी गाय के घी और मक्खन के लिये भी जाना जाता है. आमतौर पर बाजारों में गाय का घी 700 रुपए किलो और बटर 800 रुपए किलो मिल जाता है, मगर बदरी गाय का घी 1200 रुपए किलो और बटर 1000 रुपए किलो बिकता है. दूर दूर से लोग बदरी गाय का घी खरीदने के लिये करछी गांव पहुंच जाते हैं.
पढे़ं- Snowfall in Uttarkashi: गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के साथ मुखबा गांव में भी हुई जमकर बर्फबारी, लुत्फ उठा रहे पर्यटक
करछी गांव के लोगो ने गांव में ही समूह गठित कर एक डेयरी खोली है. जिसमें उपकरणो की मदद से छांछ,घी,और बटर तैयार किया जाता है. करछी गांव के ग्रामीण सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि गांव मे अधिकांश घरों में बदरी गाय पाली गई है. बदरी गाय दूध कम देती है, लेकिन दूध में पौष्टिकता अन्य गौवंश पशुओं के दूध से काफी अधिक होता है. दूध से बनाये जाने वाले उत्पादों की गुणवक्ता की जांच के बाद ही उत्पाद बिक्री के लिये भेजे जाते हैं.
पढे़ं- Australian of the Year Award: कभी हरिद्वार के गंगा घाटों पर बेचा प्रसाद, अब ऑस्ट्रेलिया में मिल रहा सबसे बड़ा 'सम्मान'
परीक्षण के लिये डेयरी में डिजिटल मशीने लगाई गई हैं.उन्होने बताया दूध से बने उत्पादों को वह उत्तराखंड दुग्ध ब्रांड आंचल को भी सप्लाई करते हैं. करछी गांव के लोगों का मुख्य रोजगार खेती और पशुपालन है. यहां के लोग ट्रैकिंग का शौक रखते हैं. यंहा के युवा क्वारी पास ट्रेकिंग पर आने जाने वाले ट्रैकरों के लिये गाईड और पोर्टर का काम करते हैं. इसी को देखते हुये गांव के लोगों ने अपने घरो को होमस्टे का रूप दे दिया है. सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि गांव में सेब के भी बगीचे है. सीजन में चौलाई,ओग्ल आलू ,राजमा,मडुंवे की खेती की जाती है. उन्होने बताया उनके गांव से पलायन ना के बराबर हुआ है.
