नोएडा में दौड़ने वाले प्रदीप की गरीबी रुला देगी, गांव में न है खेती-बाड़ी, न कमाई का साधन

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Published : Mar 22, 2022, 10:11 AM IST

Updated : Mar 22, 2022, 12:56 PM IST

Pradeep who went viral

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया निवासी प्रदीप महरा आधी रात को नोएडा की सड़क पर दौड़ते हुए देश-विदेश में चर्चित हो गए. उनके पास इतने फोन कॉल आ रहे हैं और इंटरव्यू के लिए इतने लोग पहुंच रहे हैं कि प्रदीप इससे अब परेशान हो चुके हैं. उन्होंने मीडिया से गुजारिश की है कि अब उन्हें काम करने दिया जाए और उनकी दौड़ की प्रैक्टिस निर्वाध करने दी जाए. इधर उनके गांव की जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे पता चलता है कि इस जोशीले नौजवान का बचपन कितनी गरीबी में बीता है.

देहरादून: अल्मोड़ा के प्रदीप महरा नोएडा की सड़कों पर दौड़ते हुए इतने वायरल हुए कि इंग्लैंड के जोरदार क्रिकेटर रहे केविन पीटरसन ने भी उनका वीडिया रीट्वीट किया. हरभजन सिंह ने भी उनके जज्बे को सलाम किया. इसके साथ ही बड़ी फिल्मी हस्तियां, बिजनेसमैन और राजनेता भी प्रदीप महरा की तारीफ कर रहे हैं. कांग्रेस लीडर राजीव शुक्ला ने भी प्रदीप की तारीफ की है.

नोएडा में जिस प्रदीप महरा को आपने आधी रात को सड़क पर दौड़ते देखा, वो बेहद गरीब परिवार का बेटा है. अल्मोड़ा जिले की चौखुटिया तहसील स्थित उसके घर से जो तस्वीरें आई हैं, वो बताते के लिए काफी हैं प्रदीप का बचपन कैसा बीता होगा.

गांव का सबसे गरीब परिवार: प्रदीप महरा का गांव अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया के पास ढनांड़ में है. स्थानीय पत्रकार हेम कांडपाल जब प्रदीप के गांव गए तो उन्होंने देखा कि परिवार इंदिरा आवास में रहता है. 8 बाई 12 के कमरे में ही पूरा परिवार रहता है. प्रदीप का परिवार ढनांड़ का सबसे गरीब परिवार है.

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खेती-बाड़ी भी नहीं है: स्थानीय पत्रकार हेम कांडपाल ने जब प्रदीप के पिता त्रिलोक सिंह से बाद की तो पता चला कि उनके पास न तो खेती-बाड़ी है और न ही पशु धन. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ज्यादातर लोगों की आजीविका कृषि और पशु पालन ही है. प्रदीप के परिवार के पास ये दोनों ही नहीं हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिवार के दिन कितनी गरीबी में कट रहे हैं और उनके खाने-पीने का गुजारा कैसे होता होगा.

नहीं मिली सरकारी मदद: प्रदीप महरा के पिता त्रिलोक सिंह बताते हैं कि उन्हें कहीं से भी सरकारी मदद नहीं मिली. गांव के लोगों की मदद से इंदिरा आवास का कमरा पूरा बनाया. गांव वालों की मदद से किसी तरह जीवन की गाड़ी अभी तक प्रदीप का परिवार चलाता आया है. हालांकि अब त्रिलोक सिंह के दोनों बेटे नोएडा में जाकर काम कर रहे हैं. इससे थोड़ी-बहुत आर्थिक मदद हो रही है.

नोएडा के मैकडोनल्ड में काम करते हैं प्रदीप: प्रदीप महरा नोएडा के मैक्डी में करीब एक महीने से काम कर रहे हैं. शनिवार रात से उनका वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो वो इतना वायरल हुआ कि प्रदीप देश-दुनिया में चर्चित हो गए हैं. उनके पास इतने फोन कॉल और मैसेज आ रहे हैं कि प्रदीप सबको जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

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प्रदीप का कहना है कि कई लोग उनसे कह रहे हैं कि वो उनसे प्रेरित हो रहे हैं. वहीं कई लोगों से प्रदीप खुद प्रेरित हो रहे हैं. प्रदीप का कहना है कि मैं ऐसे लोगों को धन्यवाद करता हूं. नोएडा मैक्डी में काम कर रहे प्रदीप रोज रात को करीब 10 किलोमीटर दौड़ते हैं. अपना काम खत्म करने के बाद प्रदीप घर तक दौड़ते हुए जाते हैं.

चौखुटिया 10 किमी दूर है गांव: प्रदीप का गांव चौखुटिया से दस किमी दूरी पर है. सड़क से इतनी दूरी तय करने के बाद करीब आधा किमी पैदल चलने पर प्रदीप के गांव ढनांण में पहुंचा जाता हैं. गांव में रोजगार का साधन सिर्फ मनरेगा है. प्रदीप के पिता सड़क और रास्ते बनाने के कंकड़ तोड़ते हैं.

विधायकों के पास 14 से 90 लाख रुपए की लग्जरी कारें! : सोमवार को ही उत्तराखंड विधानसभा में नव निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ. उस दौरान विधानसभा की पार्किंग में 14 लाख से लेकर 90 लाख रुपए कीमत तक की कारें दिखी थीं. दूसरी तरफ आम आदमी गरीबी की ऐसी मार झेल रहा है कि घर की महिला का इलाज कराने के लिए 3 से 4 लाख रुपए कर्ज ले चुका है. दो बेटे मां के इलाज के लिए पैसे कमाने को नोएडा में जद्दोजहद कर रहे हैं. उम्मीद है नई सरकार राज्य के ऐसे गरीब और मजबूर लोगों की हालत सुधारने के लिए काम करेगी.

Last Updated :Mar 22, 2022, 12:56 PM IST
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