SC ने कलानिधि मारन से स्पाइसजेट के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा

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Published : Feb 10, 2022, 11:04 PM IST

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सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने अधिवक्ता मनिंदर सिंह को अपने मुवक्किल कलानिधि मारन के साथ स्पाइसजेट (Spicejet) के निपटान प्रस्ताव (The Settlement Offer) पर विचार करने और अगले सप्ताह सोमवार को निर्देश के साथ वापस आने के लिए कहा.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (The Supreme Court) ने गुरुवार को स्पाइसजेट (Spicejet) के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को एयरलाइंस द्वारा किए गए निपटान प्रस्ताव (The Settlement Offer) पर विचार करने के लिए कहा. स्पाइसजेट शेयर ट्रांसफर मामले में कलानिधि मारन को 600 करोड़ रुपये नकद देने के लिए तैयार है. बशर्ते कि कोई और निष्पादन याचिकाएं नहीं होंगी.

सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश (Delhi High Court Order), जिसमें स्पाइसजेट को कलानिधि मारन को 243 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था, के संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

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शीर्ष अदालत ने पहले उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी. एयरलाइन कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि मूल राशि 579 करोड़ रुपए है, 308 करोड़ रुपये पहले ही नकद में भुगतान किया जा चुका है और 270 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के रूप में है. जिसे वह नकद में बदलने के लिए तैयार है. इसके अतिरिक्त एयरलाइन कंपनी 22 करोड़ रुपए का भुगतान भी करेगा.

रोहतगी ने कहा कि मारन 18% ब्याज मांग रहे हैं जो अनुचित है. मारन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने तर्क दिया कि वे 4 साल से इंतजार कर रहे हैं.

सीजेआई ने रोहतगी से कहा कि एयरलाइंस का इतिहास बहुत अच्छा नहीं है (Airlines Antecedents Are Not Very Good), वे सेवाओं, आपूर्तिकर्ताओं आदि के लिए भुगतान करने को तैयार नहीं हैं. अदालत ने मनिंदर सिंह को अपने मुवक्किल कलानिधि मारन को प्रस्ताव पेश करने और अगले सप्ताह सोमवार को निर्देश के साथ वापस आने के लिए कहा. 14 फरवरी को मामले की फिर से सुनवाई होगी.

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