केदारनाथ यात्रा में घोड़े खच्चरों की मौत पर HC ने सरकार से मांगा जवाब

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Published : Jun 8, 2022, 1:54 PM IST

Nainital High Court

उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने केदारनाथ यात्रा के दौरान हो रही घोड़े खच्चरों की मौत के मामले में दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई की. इस मामले में हाईकोर्ट ने चारों धामों के जिलाधिकारियों, पशुपालन विभाग सहित राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने केदारनाथ यात्रा के दौरान हो रही घोड़े खच्चरों की मौत के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने चारों धामों के जिलाधिकारियों, पशुपालन विभाग सहित राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने यात्रा को सुरक्षित तरीके से चलाने के लिए एक कमेटी का गठन करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 22 जून की तिथि नियत की है.

पशु प्रेमी ने दायर की याचिका: मामले के अनुसार पशु प्रेमी गौरी मौलखी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों में 20,000 से ज्यादा घोड़े खच्चरों को यात्रियों का सामान ढोने और यात्रा के लिए प्रयोग किया जा रहा है. जिसमें से अधिकतर घोड़े खच्चर बीमार हैं. इन घोड़े खच्चरों में आवश्यकता से अधिक बोझ लादा जा रहा है. यात्रा मार्ग पर इन घोड़े खच्चरों की जांच के लिए न ही पशु चिकित्सक हैं और ना ही चारे, पानी व छप्पर की कोई उचित व्यवस्था है.

जानकारी देती संस्था की सदस्य.

यात्रा मार्ग पर आवश्यकता से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इससे धक्का-मुक्की हो रही है. जहां तहां यात्रा मार्ग पर जानवरों की लीद से यात्रियों और घोड़े के फिसलने से कई मौत हो चुकी हैं. याचिकाकर्ता यह भी कहना है कि यात्रा मार्ग पर जिन घोड़े खच्चरों की मौत हो रही उन्हें नदियों में फेंका जा रहा है, जिससे नदी का जल दूषित हो रहा है और बीमारियां फैल सकती हैं.

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गौर हो कि चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में लगातार हो रहे घोड़े खच्चरों की मौत (Horse mules die in Chardham Yatra) को लेकर सरकार की व्यवस्था पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं. मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल्स ने उत्तराखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पूरे मामले को लेकर संस्था ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

बीते दिनों उत्तराखंड में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केदारनाथ धाम का दौरा किया था और वहां मर रहे घोड़े खच्चरों के बारे में जानकारी ली थी. इसके बाद सौरभ बहुगुणा ने ट्वीट के जरिए कहा था कि उनके दौरे के बाद हालात में जमीन-आसमान का फर्क आया है. लेकिन अब मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल्स (Maneka Gandhi organization People for Animals) के सदस्यों ने केदारनाथ यात्रा का जायजा लेने के बाद सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

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संस्था ने लगाए सरकार पर गंभीर आरोपः पीपल फॉर एनिमल्स की सदस्य गौरी मौलेखी (People for Animals member Gauri Maulekhi) का कहना है कि सरकार जानवरों को लेकर झूठ बोल रही है, जबकि हकीकत भयानक है. मौलेखी ने कहा कि केदारनाथ में रोज सैकड़ों की तादाद में घोड़े खच्चर मर रहे हैं और हैरानी की बात यह है कि इन मौतों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. बिना रजिस्ट्रेशन के हजारों घोड़े दौड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने जो मौके का मुआयना किया तो पाया कि जगह-जगह पर कदम-कदम पर घोड़े खच्चर के शव पड़े हुए हैं, जिनमें कीड़े पड़े हुए हैं.

इसके अलावा तमाम मरे हुए जानवरों को नदियों में फेंका जा रहा है. मौलेखी ने कहा है कि सरकार ये सुनिचित करे कि धामों में जानवरों के साथ ऐसा सुलूक ना हो. उन्होंने कहा कि जो जानवर यात्रियों को ले जा रहे हैं, उनकी भी हालत ठीक नहीं है. उनकी पीठ पर चोट के गहरे निशान हैं और सैकड़ों की तादाद में ऐसे जानवर से काम लिया जा रहा है, जो किसी भी समय दम तोड़ सकते हैं.

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