Geeta Gyan : कर्मयोगी भी उसी स्थान पर पहुंचते हैं, जो स्थान ...

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Published : Sep 28, 2022, 6:13 AM IST

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जो भक्ति भाव से कर्म करता है, जो विशुद्ध आत्मा है वह सबों को प्रिय होता है और सभी लोग उसे प्रिय होते हैं. कर्मयोग के बिना संन्यास सिद्ध होना कठिन है. मननशील कर्मयोगी शीघ्र ही ब्रह्म को प्राप्त करता है. निश्चल भक्त शान्ति प्राप्त करता है क्योंकि वह समस्त कर्मफल भगवान को अर्पित कर देता है. जो पुरुष न द्वेष करता है, न किसी की आकांक्षा, वह भवबन्धन को पार कर जाता है. Todays motivational quotes.

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