ऐ राजा भूखल बानी हम छठ परबिया, परबिया बड़ मन भावन लागेला.. सुनें भोजपुरी छठ लोकगीत
वाराणसीः 'कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए, होई न बलम जी कहरिया, बहंगी घाटे पहुंचाये, बहंगी घाटे पहुंचाये. पेन्ही न पवन जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाये'. छठी मैया के लिए गाया जाने वाला ये गीत कहीं और नहीं बल्कि बनारस के गंगा घाट पर सुनाई दे रहा है. बनारस में छठ पूजा की खूबसूरत और आनंदमयी तस्वीरें नजर आ रही हैं. बनारस के गंगा घाट पर बकायदा मां गंगा की गोद में नाव पर बैठकर व्रत करने वाली महिलाएं लोकगीतों के जरिए मां छठ की आराधना कर रही हैं. इसकी तस्वीरें ही इतनी खूबसूरत हैं कि किसी को भी सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेंगी. 'चार खंड की पोखरवा, पोखरवा नहाई सासु जी. ऐ राजा भूखल बानी हम छठ परबिया, परबिया बड़ मन भावन लागेला. ऐ सैंया, भूखल बानी हम छठ परबिया, परबिया बड़ मन भावन लागेला. छठ माई के वेदी बनाई, चौक पुराई राजा जी!'. सुनिए मन को मोह लेने वाला भोजपुरी लोकगीत. देखें वीडियो.