26 January Special: बनारस की तिरंगी बर्फी ने अंग्रेजी हूकूमत में जगाया था देशभक्ति का जज्बा, जानिए पूरी कहानी

26 January Special: बनारस की तिरंगी बर्फी ने अंग्रेजी हूकूमत में जगाया था देशभक्ति का जज्बा, जानिए पूरी कहानी
बनारस में साल 1940 में रघुनाथ दास गुप्ता ने अपने मिठाई की दुकान में तिरंगा बर्फी बनाई थी. जिसने लोगों के अंदर देशभक्ति का जज्बा जगाते हुए अंग्रेजों की नींव हिला दिया था. देखें ये स्पेशल रिपोर्ट.
वाराणसी: बनारस अपने मिजाज और संस्कृति के साथ-साथ खानपान के लिए भी मशहूर है. बनारस की मिठाइयां भी पूरे विश्व में चर्चित है. यहां की सकरी गलियों में मौजूद मिठाइयों की सैकड़ों साल पुरानी दुकानें और उनके लाजवाब स्वाद कोई एक बार चख ले तो भूल नहीं पाता. लेकिन अगर आपको यह बात बताया जाएं कि बनारस की मिठाइयों ने मिठाइयों ने लोगों के अंदर देशभक्ति का जज्बा जगाते हुए अंग्रेजों की नींव हिलाने का काम किया था तो चौकिएगा मत. बनारस में सैकड़ों साल पुरानी एक ऐसी मिठाई है जो आज भी आज भी देश भक्ति के रंग में न सिर्फ रंगी नजर आती हैं बल्कि आजादी के संघर्ष की दास्तां भी बयां करती हैं.
26 जनवरी के मौके पर देशभक्ति का जज्बा हर किसी के अंदर देखने को मिलता है. अब 26 जनवरी नजदीक है तो हम बनारस की उस मिठाई की दुकान को नजरअंदाज नहीं कर सकते, जिसने आजादी की लड़ाई में मिठाइयों के जरिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वाराणसी के ठठेरी बाजार इलाके में स्थित श्री राम भंडार मिठाई की दुकान वैसे तो काफी पुरानी है. लेकिन 1940 में इस मिठाई की दुकान को संचालित करने वाले इस के अधिष्ठाता रघुनाथ दास गुप्ता ने अंग्रेजी हुकूमत को सीधी टक्कर देने के लिए मिठाइयों का सहारा लिया था. यह बर्फी देखने में बिल्कुल तिरंगे की तरह है. नीचे हरा बीच में सफेद और ऊपर केसरिया रंग.
इस मिठाई की दुकान को चलाने वाले पांचवें पीढ़ी के वरुण गुप्ता बताते हैं कि उनके दादा की तरफ से मिठाइयों के जरिए देशभक्ति के आंदोलन को धार देने की कोशिश की गई थी, क्योंकि उस वक्त अंग्रेजी हुकूमत में तिरंगा फहराने पर रोक लगाई थी. तिरंगा लेकर चलने पर अंग्रेज लोगों को जेल भेज देते थे. इसलिए उन्होंने तिरंगी बर्फी का आविष्कार किया. उस वक्त इन मिठाइयों को एक दूसरे को देखकर देशभक्ति के आंदोलन को और आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने का काम किया जाता था. दूसरे जिलों में भी इन बर्फियो के जरिये ही संदेश भेजे जाते थे. इतना ही नहीं उस वक्त लोगों को महापुरुषों और देशभक्तों के नाम से रूबरू करवाने के लिए भी खास मिठाईयां तैयार हुई थी. जिनमें गांधी गौरव, बल्लव संदेश, जवाहर लड्डू, राधा प्रिय जैसी मिठाइयां थी.
वरुण कहते हैं कि इन मिठाइयों में से कुछ तो अब चलन से बाहर हैं लेकिन अभी भी इस दुकान पर जवाहर लड्डू और तिरंगी बर्फी बिकती है और देशभक्ति विशेष दिनों में इसकी अच्छी खासी डिमांड होती है. इन मिठाइयों को तैयार करने वाले कारीगरों का कहना है कि 26 जनवरी 15 अगस्त के मौके पर इन मिठाइयों की इतनी डिमांड होती है कि हम उसे पूरा भी नहीं कर पाते. सबसे बड़ी बात यह है कि इन मिठाइयों की डिमांड सिर्फ बनारस या आसपास ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल तक है. नेपाल से खासतौर पर यहां पर लोग इन मिठाइयों को खरीदने के लिए पहुंचे थे और उन्होंने खुद कहा कि भारत नेपाल के रिश्ते तो रोटी बेटी के हैं और मिठाईयां मिल जाए तो और मजा आ जाता है.
ये भी पढ़ेंः ITM College Gorakhpur: रिमोट से चलेगी गन, कैमरे की मदद से 100 मीटर दूर खड़ा दुश्मन होगा ढेर
