वाराणसी: समाज में उच्च स्तर पर काम करने वाले लोगों को तो बड़े पुरस्कार दे दिए जाते हैं. लेकिन जमीन से जुड़े निम्न स्तर पर कार्यों और सेवा से जुड़े लोगों को कहीं नहीं गिना जाता. ऐसे लोगों को सम्मान देने का काम गांधी काशी विद्यापीठ की एक छात्रा ने किया है. जी हां, काशी की राखी ने ऐसे लोगों को सम्मानित करने का बीड़ा उठाया है, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान पीछे रहकर लोगों की मदद करते थे, जिसमें रिक्शा चालक, सब्जी बेचने वाले सहित कई अन्य लोग शामिल है. इसके लिए राखी ने मेडल फॉर ऑल के तहत मेडल का निर्माण किया है. काशी की बेटी के इस कोशिश को यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड ने भी सराहा है और यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में कुमारी राखी का नाम भी दर्ज किया है. हालांकि राखी मूलतः बिहार की रहने वाली है.
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बीएचयू की प्रदर्शनी से मिली प्रेरणाः राखी ने बताया कि उन्हें मेडल बनाने की प्रेरणा डेनमार्क निवासी मैडम ईगर माग्रेट लार्सन से मिली थी. जब 2018 में उन्होंने बीएचयू में एक प्रदर्शनी लगाई गई थी, जहां प्रदर्शनी में लगे मेडल को देखकर के राखी ने निर्णय लिया कि वो आगे समाज में बेहतर कार्य करने वाले व्यक्ति के लिए मेडल बनाना है.
राखी समाज के लिए है प्रेरणाः इस दौरान राखी के द्वारा बनाए गए मेडल से सम्मानित टैरो कार्ड रीडर नेहा सिंह ने बताया कि राखी कि यह मेहनत अत्यंत सराहनीय है, जिसकी वजह से उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है. उनसे हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज के हर व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए.
विश्वविद्यालय हैं गौरवान्वितः राखी की कोशिश और यूरेसिया के सहयोग को लेकर ललित कला विभाग काफी उत्साहित है. इस बारे में ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि यह उनके लिए बेहद गौरव का क्षण है, जब उनके संस्था की बेटी को इतने बड़े रिकॉर्ड में सम्मानित किया गया है. उन्होंने बताया कि राखी की सोच बेहद सकारात्मक और प्रशंसनीय है. वह समाज के उस निम्न स्तर पर भी कार्य करने वालों को सम्मान दे रहे हैं, जिस सम्मान की उन्हें जरूरत है. विश्वविद्यालय उनके इस कृत्य के लिए सदैव आभारी रहेगा और उनके बेहतर भविष्य की कामना करता है.
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