खतरे के निशान के ऊपर बनारस में गंगा, हालात जानने पहुंची ईटीवी भारत की टीम

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Published : Aug 27, 2022, 9:26 AM IST

Updated : Aug 27, 2022, 6:57 PM IST

खतरे के निशान के ऊपर बह रही बनारस में गंगा.

वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बलिया, प्रयागराज के बाद वाराणसी में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर जा चुकी है और वर्तमान में खतरे के निशान यानी 71.26 मीटर से लगभग 22 सेंटीमीटर ऊपर 71.48 मीटर बह रही है.

वाराणसी: गंगा का जलस्तर उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में अब खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है. बलिया, प्रयागराज के बाद वाराणसी में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर जा चुकी है और वर्तमान में खतरे के निशान यानी 71.26 मीटर से लगभग 22 सेंटीमीटर ऊपर 71.48 मीटर बह रही है. जिसकी वजह से एक तरफ जहां गलियों सड़कों पर नाव चलने की स्थिति आ गई है, तो वहीं कॉलोनियों में पानी घुसने के बाद लोगों के सामने बड़ी परेशानी की स्थिति खड़ी होने लगी है.

वाराणसी के लंका स्थित सामने घाट इलाके की दर्जन भर से ज्यादा कॉलोनियां पूरी तरह से पानी में डूब गई है, जिसके बाद यहां पर आने वाली लाखों की आबादी अब परेशान है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि कुछ ऐसे भी इलाके हैं. जहां अब तक मदद के नाम पर कोई भी नहीं पहुंचा, लेकिन इन इलाकों में ईटीवी भारत की टीम पहुंचकर जब लोगों से बातचीत की तो उन्होंने ईटीवी भारत की टीम का धन्यवाद किया और अपनी तकलीफों को बयां भी किया.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

दरअसल, गंगा में पानी बढ़ने के बाद अब गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है, लेकिन उसके पहले ही वाराणसी के सामने घाट इलाके के मारुति नगर, गायत्री नगर, शिवपुरम कॉलोनी, मदररवा, सामनेघाट, समेत लगभग दर्जनभर कॉलोनी पूरी तरह से बाढ़ के पानी की चपेट में आ जाती हैं. गंगा के तटीय इलाकों के नजदीक होने की वजह से बाढ़ का पानी सीधे इन कॉलोनियों में प्रवेश करता है. जिसकी वजह से लाखों की आबादी प्रभावित होती है. इस वक्त भी इन कॉलोनियों में अकेले लगभग 10 लाख से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने की वजह से इनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

प्रशासनिक स्तर पर दावे जरूर है कि लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का प्रबंध है, लेकिन इन दावों की हकीकत इन्हीं कॉलोनी में आकर खुल रही है. जब ईटीवी भारत की टीम ने यहां पहुंचकर लोगों से बातचीत की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि बीते 2 दिनों से पानी कॉलोनी में घुस चुका है, लेकिन अब तक किसी ने हमारी सुध नहीं ली है. हालात यह है कि लोगों के घरों के बाहर पानी है और लोग घर के बाहर निकल भी नहीं सकते. ऐसी स्थिति में लोगों ने घर की छतों पर डेरा डाल दिया है और रह रह कर हो रही बारिश की वजह से इनके लिए भी परेशानियां कम नहीं है. छत पर लगाकर लोगों की रहने की मजबूरी और प्रशासन की बेरुखी यहां के लोगों को परेशान कर रही है.

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि लोगों के सामने दवा और खाने-पीने की चीज लेने जाने का संकट है. क्योंकि घरों के बाहर पानी आ जाने के कारण घरों में लोग कैद हो गए हैं धीरे-धीरे पानी और बढ़ता जा रहा है. वाराणसी में वर्तमान में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.48 मीटर पर बह रही है और गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद वरुणा नदी भी अब पूरी तरह से क्षेत्रीय इलाकों में जा चुकी है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा है. वर्तमान में सभी बाढ़ राहत केंद्रों में लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है. क्योंकि धीरे-धीरे गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ वरुणा के ऊपर आने के कारण इसकी तटीय इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं.

फिलहाल गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि अभी भी 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर ऊपर चल रहा है. जिसके कारण अभी दिक्कतें और बढ़ेंगी.

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नदियों के जलस्तर बढ़ने के चलते वरुणा नदी के निचले इलाकों में पानी आ चुका है. ऐसी स्थिति में कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव उपकरणों के साथ एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है. एनडीआरएफ की टीम लोगों की मदद के लिए बाढ़ ग्रसित इलाकों में पहुंचने लगी है.

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बाढ़ पीड़ितों को रेस्क्यू करते हुए एनडीआरएफ की टीम

बता दें शनिवार को स्थानीय प्रशासन के ने एनडीआरएफ वाराणसी को सूचना दी कि कुछ लोग संत रविदास घाट के पास बाढ़ के पानी में फंस गए हैं. सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की 11 लोगों की टीम को निरीक्षक मिथिलेश कुमार की अगुवाई में कार्रवाई हेतु रवाना किया गया. एनडीआरएफ टीम के संत रविदास घाट के सामने स्वामी नारायण नंद तीर्थ वेद विद्यालय में गंगा नदी के बाढ़ के पानी में फंसे 10 बच्चों और 2 शिक्षकों को रेस्क्यू कर बोट से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

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बाढ़ पीड़ितों को रेस्क्यू करते हुए एनडीआरएफ की टीम
इसके साथ ही एनडीआरएफ के उप कमांडेंट राम भवन सिंह यादव और उप निरीक्षक संतोष कुमार के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम ने कोनिया घाट के पास विजयपुरा गांव में फंसे हुए एक ही परिवार की दो महिलाओं, एक पुरुष और दो बच्चों सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इसके बाद टीम ने छोटी मस्जिद स्थित पुराना पुल के पास कोहना इलाके में फंसे हुए 2 अन्य लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. एनडीआरएफ की टीमें वाराणसी में संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. सभी प्रकार के बचाव उपकरणों के साथ टीम तैयार है.

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Last Updated :Aug 27, 2022, 6:57 PM IST
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