फर्जी खुलासा करने वाले दो औषधि निरीक्षक व पांच पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

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Published : Nov 30, 2021, 7:48 PM IST

फर्जी खुलासा

उन्नाव में हाईकोर्ट ने गलत तरीके से रिपोर्ट दर्ज करने पर दो औषधि निरीक्षक (डीआई) और पांच पुलिस कर्मियों पर एफआईआर के दिए आदेश.पुलिस मामले में तब और फंस गई जब बिना एफएसएल की रिपोर्ट (FSL report) आए 90 दिन में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट (charge sheet) दाखिल कर दी.

उन्नाव : तीन महीने पहले खांसी के नकली सिरप की बरामदगी का दावा करते हुए पांच लोगों पर रिपोर्ट दर्जकर तीन लोगों को गिरफ्तार करना पुलिस टीम व दो औषधि निरीक्षकों पर भारी पड़ गया है. हाईकोर्ट ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट में सिरप नकली साबित न होने पर सभी आरोपियों को जमानत दे दी है.

वहीं, हाईकोर्ट ने शक्तियों का दुरुपयोग कर गलत तरीके से रिपोर्ट दर्ज करने पर दो औषधि निरीक्षक (डीआई) और पांच पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

गौरतलब है कि उन्नाव की गंगाघाट पुलिस ने 28 अगस्त 2021 को शक्ति नगर में एक कारखाने में छापा मारकर खांसी के सिरप की 1540 शीशियां बरामद की थीं. पुलिस का दावा था कि कारखाने में नकली सिरप बनाने का कारोबार चल रहा था. इस पर पुलिस ने शक्ति नगर निवासी सोनू तिवारी, अजय बाजपेई और ब्रह्मनगर निवासी गौरव सिंह को गिरफ्तार किया था.

वहीं, पुलिस ने ब्रह्मनगर के ही विकास गुप्ता व इंदिरा नगर के फैज को फरार दिखाया था. छापेमारी के दौरान टीम में शामिल रहे सीतापुर जिले के औषधि निरीक्षक नवीन कुमार और उन्नाव के औषधि निरीक्षक अजय कुमार संतोषी ने सैंपल लेकर जांच के लिए एफएसएल लखनऊ भेजा था. पांचों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व एनडीपीएस एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की गई थी.

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वहीं, उस दौरान कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने तीन लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. पुलिस मामले में तब और फंस गई जब बिना एफएसएल की रिपोर्ट आए 90 दिन में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी.

जिला सत्र न्यायालय से आरोपी अजय बाजपेई की जमानत अर्जी खारिज होने पर हाईकोर्ट में अपील की गई थी. इस पर आरोपी अजय बाजपेई के पक्ष के वकील नीरज सिंह ने बताया कि सुनवाई कोर्ट नंबर 27 में चल रही थी. हाईकोर्ट के आदेश पर शासन की ओर से पेश की गई एफएसएल रिपोर्ट में सिरप नकली व मानव शरीर के लिए नुकसानदायक साबित न होने की पुष्टि हुई.

इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश पंकज भाटिया ने सभी आरोपियों की जमानत मंजूर कर दी. पकड़े गए लोगों को तंग करने और अनावश्यक रूप से दवाओं को जब्त करने वाली टीम में शामिल दोनों औषधि निरीक्षकों, गंगाघाट थाने के उपनिरीक्षक रोहित कुमार पांडेय, अबू मोहम्मद कासिम, सिपाही कृष्णपाल सिंह, मुकेश मिश्र, राजेश कुमार पर धारा 58 (1) ख (अवैध तरीके से दवाओं को जब्त करने व गलत तरीके से परेशान करने) के तहत रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.

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