अवैध रूप से शीशम कटाने के आरोप में डीएम ने सीडीओ को दी जांच, डीएफओ ने उठाया सवाल

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Published : Nov 25, 2022, 10:56 PM IST

etv bharat

उन्नाव में डीएफओ ने डीएम उन्नाव को अपनी रिपोर्टिंग अथॉरिटी ही मानने से इनकार कर दिया है. डीएफओ के चालक द्वारा फर्जी परमिट बनवा कर पेड़ कटवाने(Cutting trees by making fake permits) के मामले में जिला अधिकारी ने उन्नाव के मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी बनाकर जांच आख्या मांगी थी.

उन्नाव: उन्नाव में तैनात डीएफओ की घोर अनुशासनहीनता देखने को मिली है. डीएफओ ने डीएम उन्नाव को अपनी रिपोर्टिंग अथॉरिटी ही मानने से इनकार कर दिया है. यही नहीं डीएफओ ने पत्र लिखकर अपने उच्चधिकारियों को इससे अवगत भी कराया है. डीएफओ के चालक द्वारा फर्जी परमिट बनवा कर पेड़ कटवाने(Cutting trees by making fake permits) के मामले में जिला अधिकारी ने उन्नाव के मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी बनाकर जांच आख्या मांगी थी.

डीएफओ का लेटर सोशल मीडिया पर वायरल
डीएफओ का लेटर सोशल मीडिया पर वायरल

जिस पर उन्नाव की डीएफओ ईशा तिवारी भड़क गई.डीएफओ ने पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मुझसे 4 साल जूनियर जांच अधिकारी को नियुक्त करना न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं 2013 बैच की आईएफएस और सीडीओ 2017 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वहीं, डीएफओ का लेटर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वहीं, लेटर वायरल होने के बाद लोग कह रहे हैं कि डीएफओ ईशा तिवारी खुद को डीएम से भी ऊपर मानती हैं.

उन्नाव शहर के आजाद वर्मा ने डीएम को दिए गए शिकायतीपत्र में बताया था कि जिला वन अधिकारी (डीएफओ) ईशा तिवारी के चालक जंगबहादुर यादव ने शीशम के पेड़ को अनाधिकृत रूप से कटवाया. मामले की जानकारी होने पर डीएफओ ने जांच कराई और लकड़ी की तौल करवाकर कार्यालय में रखवाया गया. उसके बाद लकड़ी गायब कर दी गई. डीएम अपूर्वा दुबे ने सीडीओ को जांच सौंप दी. इस पर सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने डीएफओ को पत्र भेजकर वार्ता के लिए समय और स्थान की जानकारी चाही.

इसको लेकर डीएफओ ने विभागीय प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखा. इसमें कहा कि डीएम की ओर से जांच जिस अधिकारी को दी गई है, वह उनसे चार साल जूनियर है. यह भी बताया कि जिस प्रकरण में जांच कराई जा रही है. उस मामले की पहले जांच हो चुकी है, लेकिन चालक के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. इस पर डीएम को अवगत भी करा दिया गया था. उसके बाद भी जांच बैठाई गई. उन्होंने यह भी कहा कि डीएम उनकी रिपोटिंग अथॉरिटी नहीं हैं. इसलिए उनके विरुद्ध जांच शुरू करने का अधिकार नहीं है.

वहीं, इस मामले में डीएम अपूर्वा दुबे का कहना है कि उन्होंने चालक से संबंधित प्रकरण में जांच सीडीओ को सौंपी है. जब डीएफओ ईशा तिवारी से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन बंद रहा. वह अपने कार्यालय और आवास में भी नहीं मिली. वही जब ईटीवी भारत ने ईशा तिवारी से बात करनी चाही तो उनका फोन नहीं उठा, जिससे उनसे बात नहीं हो पाई. वहीं सूत्रों की माने तो ईशा तिवारी फिलहाल अभी छुट्टी पर गई हुई है. जिनकी आने वाले दिनों में शादी होनी है जिसको लेकर उन्हें छुट्टी ले रखी है.

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