शामली: पलायन बन गया फैशन, अपने फायदों के लिए हो रहा इस्तेमाल !

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Published : Aug 10, 2019, 9:30 AM IST

साल 2016 में यूपी का शामली जिला पलायन को लेकर सुर्खियों में रहा था. भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. अब यही मुद्दा जिला प्रशासन की गले की फांस बन गया है. स्थानीय लोगों ने इस संवेदनशील मुद्दे को फैशन बना लिया है.

शामली: कैराना पलायन की वजह से सुर्खियों में आए शामली जिले में अब पलायन एक फैशन बन गया है. जनपद के डीएम, एसपी भी इस फैशन से परेशान आ चुके हैं. यहां लोग एक-दूसरे को फंसाने, अपनी बात मनवाने और यहां तक कि अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए भी पलायन का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने ऐसा करने के लिए उकसाने वालों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है.

फैशन में बदला पलायन का मुद्दा.

सांसद हुकुम सिंह ने उठाया था मुद्दा
जून 2016 में तत्कालीन क्षेत्रीय सांसद हुकुम सिंह ने जिले के कैराना और कांधला से पलायन करने वाले परिवारों की लिस्ट जारी की थी. इसके बाद कैराना पलायन का मुद्दा देश और दुनिया में छा गया था. स्थानीय स्तर पर शुरू हुआ यह मुद्दा राष्ट्रीय विमर्श बन गया. राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे का खूब इस्तेमाल किया.

इससे लोगों का ध्यान पीड़ित परिवारों की ओर गया, लेकिन अब यहां पलायन एक फैशन बनकर रह गया है. जिला प्रशासन को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. कई बार इन मामलों से पुलिस की कार्रवाई भी प्रभावित होती नजर आई है.

पलायन बिगाड़ रहा जिले का माहौल
6 जून 2019 को ईद के त्योहार के दौरान शामली के अजुध्या चौक पर मोमोज खाने को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था. इस मामले में कुछ लोगों ने साजिश के चलते मोहल्ला ठठेरान में दर्जनों परिवारों ने 'मकान बिकाऊ है' लिखवाते हुए पलायन का राग अलापना शुरू कर दिया था. मामले में पुलिस-प्रशासन की जमकर फजीहत हुई थी. डीएम-एसपी को प्रेसवार्ता करनी पड़ी थी. जांच में पता चला कि पुलिस कार्रवाई को प्रभावित करने के लिए यह षड़यंत्र रचा गया था. ऐसे कई अन्य मामले भी सामने आ चुके हैं.

कुछ इस तरह बढ़े पलायन के मामले

  • अगस्त 2018- कैराना के बराला गांव में पलायन.
  • मार्च 2019- कांधला के नाला गांव में पलायन.
  • मई 2019- चुनावी रंजिश के चलते चौतरा गांव में पलायन.
  • जून 2019- शामली के मोहल्ला ठठेरान में पलायन.
  • जून 2019- में शामली की कृष्णा कुंज कॉलोनी में पलायन.
  • अगस्त 2019- जलभराव के चलते भारसी गांव में पलायन.

उकसाने वालों पर होगी कार्रवाई

  • पलायन के मामलों में बिना वजह वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन सख्त हो गया है.
  • डीएम ने अधीनस्थ अधिकारियों को ऐसा करने वालों के चिन्हिकरण के आदेश दिए हैं.
  • एसपी अजय कुमार पहले ही ऐसे मामलों में लोगों को उकसाने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने की चेतावनी दे चुके हैं.

यहां पलायन फैशन बन गया है. अब जांच करा रहे हैं कि इसके पीछे कौन लोग हैं. लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाने वालों को चिन्हित किया जा रहा है. जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
- अखिलेश कुमार सिंह, डीएम

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कैराना पलायन की वजह से सुर्खियों में आए शामली जिले में अब पलायन एक फैशन बन गया है. जनपद के डीएम—एसपी भी इस फैशन से परेशान आ चुके हैं. यहां लोग एक—दूसरे को फंसाने, अपनी बात मनवाने और यहां तक कि अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए भी पलायन का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं. शामली डीएम ने लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाने वालों को चिन्हित करने के निर्देश अमले को दिए हैं.Body:
शामली: जून 2016 में सांसद हुकुम सिंह ने शामली जिले के कैराना और कांधला से पलायन करने वाले लोगों की लिस्ट जारी की थी. इसके बाद कैराना पलायन का मुद्दा देश और दुनिया में छा गया था, लेकिन अब शामली जिले में पलायन एक फैशन बनकर रह गया है. इससे सरकारी कार्यप्रणाली को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. कई बार इन मामलों से पुलिस—प्रशासन की कार्रवाई भी प्रभावित होती नजर आई है.

उकसाने वालों पर होगी कार्रवाई
. शामली में पलायन के मामलों में बिना वजह वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन सख्त हो गया है.

. डीएम द्वारा लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाने वालों के चिन्हिकरण के आदेश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए गए हैं.

. जिले के एसपी अजय कुमार द्वारा भी ऐसे मामलों में लोगों को उकसाने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने की चेतावनी पूर्व में ही दे चुके हैं.


पलायन बिगाड़ रहा जिले का माहौल
. छह जून 2019 में ईद के त्यौहार के दौरान शामली के अजुध्या चौक पर मोमोज खाने को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था. इस मामले में कुछ लोगों ने साजिश के चलते मोहल्ला ठठेरान में मुस्लिम परिवारों के दर्जनों मकानों पर 'मकान बिकाऊ है' लिखवाते हुए पलायन का राग अलापना शुरू कर दिया था. पुलिस—प्रशासन की जमकर फजीहत हुई थी. डीएम—एसपी को प्रेसवार्ता करनी पड़ी थी. पता चला था कि यह षड़यंत्र पुलिस कार्रवाई को प्रभावित करने के लिए रचा गया था. ऐसे कई अन्य मामले भी सामने आ चुके हैं.

यहां कुछ इस तरह हो रहा पलायन
. अगस्त 2018 में कैराना के बराला गांव में पलायन.
. मार्च 2019 कांधला के नाला गांव में पलायन.
. मई 2019 चुनावी रंजिश के चलते चौतरा गांव में पलायन.
. जून 2019 शामली के मोहल्ला ठठेरान में पलायन.
. जून 2019 में शामली की कृष्णा कुंज कॉलोनी में पलायन.
. अगस्त 2019 जलभराव के चलते भारसी गांव में पलायन. Conclusion:इन्होंने कहा—
यहां पलायन फैशन बन गया है. अब हम लोग यह देख रहे हैं कि इसके पीछे कौन लोग हैं, जो लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाते हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी.
— अखिलेश कुमार सिंह, डीएम शामली

Reporter: sachin sharma
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