'किराना घराने' का असली पता तलाशने में जुटा प्रशासन, मोहम्मद रफी, पंडित भीमसेन जोशी से है ताल्लुक

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Published : May 23, 2023, 2:23 PM IST

किराना घराने

कैराना के 'किराना घराने' के लिए म्यूजिम बनाकर सरकार उस्ताद अब्दुल करीम खां और उस्ताद वहीद खां की यादों को संजो कर रखना चाहती है. कैराना के विधायक नाहिद हसन ने भी विधानसभा में सरकार से इसकी मांग की थी.

शामलीः जिले का कैराना नगर आकार में छोटा लेकिन राजनैतिक रूप से जीवंत है. यह शहर 'किराना घराने' का निवास स्थान भी है, जो गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित एक भारतीय शास्त्रीय 'खयाल' घराना है. इस घराने ने मोहम्मद रफी, पंडित भीमसेन जोशी, प्रभा अत्रे और बेगम अख्तर जैसे प्रमुख शख्सियत को जन्म दिया. शासन के आदेश पर अब स्थानीय प्रशासन कैराना में किराना घराने के उस्ताद करीम खां के असली पते की तलाश में जुट गया है, ताकि वहां पर म्यूजियम बनाया जा सके.

गौरतलब है कि देश-विदेशों में भारतीय शास्त्रीय संगीत का रुतबा कायम करने वाले कैराना घराने का नाम बड़े ही अदब से लिया जाता है. लेकिन, कैराना से ताल्लुक रखने वाले इस घराने का अस्तित्व सिर्फ इतिहास के पन्नों तक ही सिमट कर रह गया है. यूपी सरकार ने अब इस घराने की यादों को संजोने के लिए कैराना में म्यूजियम बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए अब प्रशासन ने इस घराने के असली पते की तलाश की जा रही है.

विधायक ने उठाई थी मांगः कैराना के विधायक नाहिद हसन ने विधानसभा में 'किराना घराना' को सम्मान दिए जाने की बात कही थी. इसके लिए उन्होंने कैराना में एक संग्रहालय की स्थापना की मांग भी उठाई थी. ताकि, कैराना का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने वाले उस्ताद अब्दुल करीम खां और उस्ताद वहीद खां की यादों को सजों कर रखा जा सके. शासन के निर्देश पर अब जिला प्रशासन ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए कैराना घराने से जुड़ी संपत्तियों के चिन्हिकरण की शुरुआत कर दी है.

पहले नही मिली थी कोई संपत्तिः एसडीएम कैराना निकिता शर्मा ने बताया कि वर्ष 2017 में राज्य प्रशासन से संगीतकारों से संबंधित किसी भी पुरानी संपत्ति के स्थान के बारे में एक रिपोर्ट मांगी गई थी. उस समय जवाब मिला था कि यहां पर कुछ नहीं है. लेकिन, अब 20 दिन पहले हमें एक नया निर्देश मिला है. इसमें स्पष्ट जवाब देने के लिए कहा गया है. यदि पुरानी इमारत नहीं है, तो किराना घराने से संबंधित कुछ अन्य स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसको लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है.

कैराना में अभी भी रहती ही पीढ़ियांः कैराना में रहने वाले घराने के रिश्तेदार मोहम्मद अयाज खान ने बताया कि जिस जमीन पर उनका मकान है. वो पूर्व में कैराना घराने के लोगों की संपत्ति थी, जिसे उन्होंने खरीद लिया था. स्थानीय नगर पालिका की एक टीम ने इस जगह का दौरा कर चुकी है. वहीं, कैराना नगर पालिका के ईओ इंदरपाल सिंह ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान कैराना घराने का एक मुख्य घर मिला, जो खंडहर की स्थिति में हैं. उन्होंने बताया कि कैराना में अब्दुल करीम खान और उनके भाईबंदों के रिश्तेदारों की पीढ़ियां अब भी रहती है. एक रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे संबंधित अधिकारियों को भेजेंगे.

फैसले का किया स्वागतः किराना घराने के उस्ताद अब्दुल वहीद खान के पोते आरिफ अली खान दिल्ली में रहते हैं. जो वहीं पर उस्ताद अब्दुल वहीद खान के नाम से कला और संगीत चैरिटेबल ट्रस्ट चलाते हैं. उन्होंने बताया कि कैराना से ही 'किराना घराने' की शुरूआत हुई है और यदि उस्ताद अब्दुल करीम खां और उस्ताद वहीद खां की याद में यदि कैराना में संग्रहालय बनाया जाता है, तो यह शासन की एक अच्छी पहल होगी.

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