भदोही में गंगा का जलस्तर बढ़ने से खतरे के निशान के करीब, लोगों में दहशत

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Published : Aug 27, 2022, 8:18 AM IST

etv bharat

हथिनी कुंड हरिद्वार से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश होने से गंगा का जलस्तर (Ganga river water level rises) बढ़ता ही जा रहा है. गंगा किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

भदोही: गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता (Ganga river water level rises) ही जा रहा है. शुक्रवार (27 अगस्त) को गंगा खतरे के निशान 81.20 मीटर के सापेक्ष 79 मीटर पर पहुंच गई और 4 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा में जल वृद्धि हो रही है. अगर इसी तरह से वृद्धि होती रही तो जल्द ही खतरे के निशान 2 मीटर को पार हो जाएगा.

कोनिया क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में गंगा ने फसलों को अपनी चपेट में ले लिया है. इससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. डीएम ने (Bhadohi DM inspected flood affected areas) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और बचाव के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया. बता दें कि हरियाणा, उत्तराखंड सहित अन्य प्रदेशों के बैराज और बांध से पानी छोड़े जाने से गंगा लाल निशान के करीब पहुच गई. सिंचाई विभाग की रीडिंग के अनुसार प्रति घंटा चार सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जल स्तर बढ़ रहा है. इसके चलते प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है.

उफान पर गंगा देखें वीडियो

जिला अधिकारी सहित अन्य अधिकारी गंगा किनारे बसे गांवों का नियमित रुप से दौरा कर रहे हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी में जुट गए हैं. जल स्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों के लोग डरे हुए हैं. हथिनी कुंड हरिद्वार (Hathini Kund Haridwar) से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ने और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश की पानी से गंगा उफान पर बह रही है. वहीं, जिले के डीघ ब्लॉक के कोनिया क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में कटान शुरू हो गया है.

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सिंचाई विभाग के मीटर रीडिंग के अनुसार 81.20 मीटर पर खतरे का निशान है. शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 79 मीटर के करीब दर्ज किया गया. जनपद के तीन ब्लॉक औराई, ज्ञानपुर और डीघ ब्लॉक के अंतर्गत 45 गांव गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं. इनमें से सीतामढ़ी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ और कटान का खतरा सर्वाधिक बना है. जलस्तर (Ganga river water level rises) में बढ़ाव से कोनिया क्षेत्र के कई गांव में लोग सहमे हुए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित गांव छेछुआ, गजाधरपुर, तुलसीकला आदि में कटान भी शुरू हो चुका है.

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