Up Assembly Election 2022: जानें क्या है संभल सदर विधानसभा की जनता का मूड, विधायक पर क्यों उठे सवाल

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Published : Sep 23, 2021, 5:43 PM IST

क्या हुआ तेरा वादा.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर हर पार्टी तैयारी कर रही है. अपनी-अपनी जीत के लिए नेता अपनी जमीन मजबूत कर रहे हैं. आइए जानते हैं इस चुनावी समर में क्या मूड है संभल सदर विधानसभा की जनता का ...

संभल: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर प्रदेश में अभी से ही घमासान मचा हुआ है. अगर बात करें संभल सदर विधानसभा की तो यहां से पिछले 25 साल से समाजवादी पार्टी के नेता नवाब इकबाल महमूद विधायक हैं.

जनाब इकबाल महमूद पर आरोप है कि वे अपने समुदाय के लोगों से ही वोट मांगते हैं और उन्हीं का विकास करते हैं. जहां उन्हें वोट मिलने की उम्मीद नहीं होती है. वहां वे न ही प्रचार करते हैं और न ही जीतने के बाद विकास का कोई काम करते हैं.

जानकारी देते ग्रामीण.

इसी मामले पर लोगों की राय जानने ईटीवी भारत संभल सदर विधानसभा पहुंचा और मोहल्ले बरेली सराय में मौजूद लोगों से उनकी राय जानने की कोशिश की, जहां अधिकांश लोगों का कहना है कि विधायकजी उनकी बस्ती में न तो वोट मांगने आते हैं और विधायक बनने के बाद न ही उनकी कोई समस्या सुनते हैं. गौरतलब है कि संभल सदर से समाजवादी पार्टी के नवाब इकबाल महमूद 25 साल से विधायक हैं और दो बार समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

मोहल्ला बरेली सराय में अधिकांश लोगों का कहना है कि पिछले 5 साल में मौजूदा विधायक ने यहां कोई विकास नहीं किया है. लोगों का आरोप है कि विधायक सिर्फ अपने समुदाय के लोगों का विकास करते हैं. उनके मोहल्ले में कभी नहीं आते. जब कोई समस्या लेकर अगर उनके पास जाया जाता है तो वे कोई जवाब नहीं देते.

संभल विधानसभा में रहनेवाले बुजुर्ग मुन्नी लाल बताते हैं कि उनकी विधानसभा में गरीबों का कोई विकास नहीं हुआ है. विधायक नवाब इकबाल महमूद उनके मोहल्ले में दिखाई नहीं देते.

एडवोकेट राजू तुरहा ने बताया कि अभी दो-चार महीने चुनाव में बचे हैं तो विधायक निधि से विधायकजी पैसे खर्च करके कुछ कार्य कराना चाहते हैं उनकी मंशा सिर्फ और सिर्फ चुनाव तक ही सीमित है.

ग्रामीण विनोद कुमार श्रीमाली ने बताया कि नवाब इकबाल महमूद 25 साल से यहां के विधायक हैं, लेकिन उन्होंने गरीबों के लिए कुछ किया ही नहीं. हम दूसरे समुदाय के हैं और विधायकजी दूसरे समुदाय के हैं. इसलिए वे यहां आते ही नहीं. हम इस बार बदलाव चाहते हैं और ऐसा विधायक अपनी विधानसभा में चाहते हैं. जो गरीबों के कंधे से कंधा मिलाकर चले और गरीबों की समस्याओं को सुनें.

कुल्फी बेचने वाले नारायण बताते हैं कि यहां के सरकारी अस्पतालों का हाल ठीक नहीं है. डॉक्टर समय पर बैठते नहीं है. मरीजों को बहुत परेशान होना पड़ता है. संभल की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब है. ग्रामीण गंगाराम के मुताबिक कुछ डॉक्टर अपने निजी क्लीनिक में ज्यादा समय बिताते हैं इसलिए वे कम मरीजों को देखते हैं.

इलाके में चाय की दुकान चलाने वाले अशोक भगत का कहना है कि संभल विधानसभा में विकास कार्य कुछ हुआ ही नहीं है. नेता लोग गड़बड़ी करते हैं. जैसे आवासीय योजनाओं में धांधली का मामला सामने आया था. जहां रिश्वत का बोल बाला था और रिश्वत देने वाले को आवासी योजना का लाभ मिला.

ग्रामीण नंदराम का कहना है कि उनके मोहल्ले में सरकारी विद्यालय नहीं है. जिससे गरीब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में बहुत तकलीफ होती है. संभल विधानसभा में जो सरकारी विद्यालय है भी वह उनके मोहल्ले से बहुत दूर हैं.

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