फफक-फफक कर रोने लगे आजम खान, कहा- एक ही ज़ुल्म बचा है कि मुझे हिंदुस्तान से निकाला जाये

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Published : Nov 28, 2022, 8:24 AM IST

Updated : Nov 28, 2022, 11:40 AM IST

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रविवार देर रात रामपुर में सपा नेता आजम खान (SP leader Azam Khan in Rampur) ने एक जनसभा को संबोधित किया. इस जनसभा के बाद वो फफक फफक कर रोने लगे. उन्होंने कहा कि अब एक ही ज़ुल्म बचा है कि मुझे हिंदुस्तान से निकाला जाये.

रामपुर: विधानसभा का उपचुनाव होने वाला है इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दो ही पार्टियां हैं, जो आमने-सामने हैं. रविवार को सपा नेता आजम खान (SP leader Azam Khan in Rampur) की खजान खान के चौराहे पर एक जनसभा की. इसमें आजम खान कई रूप में नजर आए. कभी जनसभा में मौजूद जनता को डांटते थे, तो कभी भावुक होकर अपना दर्द बयां करते थे. इन सबके बीच आजम खान ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा के लिए जनता से वोट भी मांगे.

जनसभा को संबोधित करते आजम खान

रामपुर में सपा नेता आजम खान ने कहा यह जलसा नहीं है तुमसे इंसाफ लेने आया हूं, तुम से मौत मांगने आया हूं. थक गया हूं मैं इस जिंदगी से. हमें डाकू और चोर बना दिया. जीना चाहूंगा ऐसी जिंदगी, खुदकुशी हराम है इसलिए जिंदा हूं. मैं तो इंतजार इस बात का कर रहा हूं कि किस दिन मुझे देश निकाला मिलेगा. अब यही एक ही ज़ुल्म बाकी रह गया कि मुझे हिंदुस्तान से निकाला जाए. (azam khan cried in rampur)

आजम खान ने कहा कि मेरी मौत चाहते हो, मार दो. मुझे मार दो गोली. मुझे यहां खुदा की कसम वह मौत मेरी जिंदगी की तकलीफों से सस्ती होगी. मेरे पूरे घर को मार दो. तुम्हें मालूम है जुल्म के कितने पहाड़ सह रहे. हम पर हंसो, हम पर कहकहे लगाओ. यह जलसा नहीं है. तुमसे इंसाफ लेने आया हूं. तुम से मौत मांगने आया हूं. थक गया हूं मैं इस जिंदगी से. अजहर खान जेल में बंद है. उनकी पत्नी के आंसू मुझसे नहीं देखे जाते हैं. जेल में बच्चे बंद है बेगुनाह. किसी ने मशीन नहीं चुराई है. किसी ने फर्नीचर नहीं चुराया है. मैं लाता था कोलकाता से ट्रक के ट्रक भरकर फर्नीचर पुराने कबाड़ के, उनकी मरम्मत कराता था. उन्हें पॉलिश कराता था और तुम्हारी उस यूनिवर्सिटी में उसे सजाता था.

सपा नेता आजम खान ने कहा कि पुलिस उन्हें उठाकर ले गई हमें डाकू और चोर बना दिया. खुदकुशी हराम है, इसलिए जिंदा हूं. पुलिस ने डंडा मारा था जमीन पर, इसलिए भाग खड़े हुए थे. अगर एक जिस्म पर भी लग जाता, मर तो नहीं जाते. मैं तुम्हारे जख्मों पर अपने दिल का खून लगाकर उन्हें मरहम बना देता. मगतुम घर से निकलते जालिमो आसिम राजा पठान नहीं है. इसलिए इंसान तो है, तुमने एक इंसान को जलील किया है. क्या माहौल है शहर का दहशत ख़ौफ़ डर हर लम्हा जुल्म का इंतजार. यह आबादी बदनसीबों की आबादी है. मेरा दिल फट जाएगा.

दरवाजे पर भेड़िया खड़ा है: आजम खां

रामपुर में आजम खान ने कहा कि आप मेरे साथ धोखा मत करना. मेरे पास बहुत वक्त है भी नहीं. जान लो अच्छी तरह भेड़िया तुम्हारे दरवाजे पर खड़ा है. अगर वे तुम्हारे घर के अंदर दाखिल हो गया तो अपनी इज्जत की हिफाजत नहीं कर सकोगे. कुछ मत सोचना मेरे बारे में बहनों, मैं तो इंतजार इस बात का कर रहा हूं कि किस दिन मुझे देश निकाला मिलेगा. अब एक ही ज़ुल्म बाकी रह गया कि मुझे हिंदुस्तान से निकाला जाए. मेरा वोट देने का अधिकार तक खत्म कर दिया. मेरे जीने का हक इसलिए बाकी है कि वह मुझे सीधे नहीं मारना चाहते. वो चाहते हैं कि यह एड़ियां रगड़-रगड़ कर मरे. सारा-सारा दिन अदालत में खड़ा रहता हूं.

आजम खान ने कहा कि मेरी बीवी और मेरे बच्चे फैसलों का इंतजार करते हैं. अब कौन सी जेल होगी. कहां जाना होगा. मैंने तुम्हारी अच्छाई का सोच कर कितने लोगों को बर्बाद कर दिया. मैं उन सब से माफी मांगता हूं, जो मेरी वजह से जेलों में हैं. जिन्हें मेरी वजह से तकलीफ पहुंची है, मैं उनसे माफी मांगता हूं. अगर मुझसे कोई बदला लेना चाहता है, तो मेरी जान हाजिर है. आओ मारो मुझे पत्थर, मेरे ऊपर तमंचा निकालो. मैंने हर गुनहगार, हर जालिम को माफ कर दिया था. आपने मुझे किस बात की सजा दी. मुझको शकिस्ट ए दिल का मजा याद आ गया, तुम क्यों उदास हो गए, क्या याद आ गया जिंदगी थी बहुत मुख्तसर, मगर कुछ यू बसर हुई खुदा याद आ गया.

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Last Updated :Nov 28, 2022, 11:40 AM IST
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