इस गांव के बुजुर्ग ही हैं थाना-कचेहरी, 50 सालों से नहीं हुआ कोई विवाद दर्ज

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Published : Sep 24, 2021, 2:35 PM IST

50 सालों से इस गांव में नहीं दर्ज हुआ कोई मुकदमा.

यूपी के रामपुर में एक ऐसा गांव है, जहां पिछले 50 सालों से कोई विवाद दर्ज नहीं किया गया. पुलिस और ग्रामीणों की मानें तो इस गांव के बुजर्ग ही यहां के थाना-कचेहरी हैं. अगर यहां कोई विवाद होता भी है, तो गांव के बुजुर्ग ही मामले को सुलझाते हैं और पुलिस की कोई जरूरत नहीं पड़ती है. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...

रामपुर: इस जिले में एक ऐसा गांव है, जहां पिछले 50 साल से कोई विवाद नहीं दर्ज हुआ. इस गांव में कोई विवाद थाना-कोतवाली तक नहीं पहुंचता है. अगर कोई विवाद होता भी है, तो आपस में गांव के बुजुर्ग ही इसे बैठकर निपटा लेते हैं. जी हां! आपको यह सुनकर अजीब लग रहा होगा और इस पर यकीन करना भी मुश्किल होगा, लेकिन यह बात सच है. लगभग 400 लोगों की आबादी वाले इस गांव में पिछले 50 साल से थाने में एक भी विवाद दर्ज नहीं हुआ है. गांव के लोगों को अमन पसंद है. वे लड़ाई-झगड़े से दूर रहते हैं और अपनी मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं.

50 सालों से इस गांव में नहीं दर्ज हुआ कोई मुकदमा.

जनपद रामपुर के थाना भोट क्षेत्र के ग्राम पंचायत संकरा का गांव कल्याणपुर है. इस गांव की खासियत यह है कि पिछले 50 सालों से इस गांव में कोई भी विवाद नहीं हुआ है और न ही कोई विवाद थाने में दर्ज हुआ है. जी हां! जनपद रामपुर का यह ऐसा पहला एकलौता गांव है, जिसका कोई भी विवाद थाने में दर्ज नहीं हुआ है. कल्याणपुर गांव में रंगरेज जाति के लोग रहते हैं. लगभग 400 लोगों की आबादी का यह गांव है. इस गांव में वैसे तो कोई विवाद होता नहीं है, अगर कोई विवाद होता भी है, तो गांव के लोग आपस में बैठकर इसको निपटा लेते हैं.

हमने गांव जाकर वहां के बुजुर्ग लोगों से बात की कि किस तरह से इस गांव के लोगों का रहन सहन है और झगड़ा नहीं होने की वजह क्या है, तो गांव के बुजुर्गों ने बताया कि हमारे गांव में सभी लोगों को अमन पसंद है और लड़ाई झगड़ों से दूर रहते हैं. अगर कोई विवाद होता है, तो हम सब लोग आपस में बैठकर उसको निपटा लेते हैं.

वहीं कल्याणपुर गांव के पूर्व प्रधान हाजी अली हसन से हमने बात की, तो उन्होंने बताया कि हमारे कल्याणपुर गांव में पिछले 30 से 35 साल से कोई भी क्राइम नहीं हुआ है और न ही कोई थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है. आले हसन ने बताया कि पहले अच्छू खान थे, जो गांव में बैठकर कुछ विवाद होता था, तो उसे आपस में बैठकर निपटा दिया करते थे और अब उनके बेटे बच्चन हैं, जो गांव में बैठकर कुछ विवाद होता है, तो उसको निपटा देते हैं. गांव में सब रंगरेज बिरादरी के हैं और सुलझे हुए लोग हैं. अपने बच्चों को भी वही सीख देते हैं.

वहीं गांव के एक दूसरे बुजुर्ग बच्चन से हमने बात की तो बच्चन खान ने बताया कि पिछले 50 साल से मेरे वालिद के समय से यह सिलसिला चला आ रहा है. वैसे तो गांव में कोई विवाद होता भी नहीं है, अगर हो भी गया, तो गांव के तीन चार लोग बैठे और उन्होंने आपस में निपटा दिया. इसी वजह से गांव का कोई भी आदमी आज तक थाना कचहरी नहीं गया है. वहीं गांव के ही एक और व्यक्ति मुजफ्फर अली ने बताया कि गांव में रंगरेज बिरादरी के लोग हैं सब आपस में बैठकर मामले को निपटा लेते हैं.

बुजुर्ग महमूद ने कहा कि इस गांव में झगड़ा होता ही नहीं है और होता है तो आपस में निपटा लेते हैं और मेरी उम्र लगभग 60 साल हो गई है. 60 साल में मैंने कोई भी मामला थाने में जाते हुए नहीं देखा है.

वहीं इस गांव के बारे में हमने पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल से बात की तो उन्होंने बताया कि जनपद रामपुर के थाना भोट क्षेत्र का गांव है. इस गांव के बारे में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यहां के लोगों में आपसी समन्वय बहुत अच्छा है, जिसके कारण यहां थाने में कोई भी ऐसा उल्लेखनीय विवाद प्रकाश में नहीं आया है, जिसके संबंध में एफआईआर पंजीकृत की जाए. लोगों से जानकारी करने पर यह पता चला है कि उनके सामने कोई भी छोटे-मोटे विवाद, जो उनके सामने आते हैं, उनका निस्तारण वे अपने स्तर से कर लेते हैं. इससे उनके बीच का आपसी सौहार्द बना हुआ है.

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