आखिर क्या था दहशतगर्दों का मकसद ? कहीं उरी जैसी वारदात को दोहराने की फिराक में तो नहीं थे आतंकी

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Published : Sep 18, 2021, 4:05 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 5:42 PM IST

आखिर क्या था दहशतगर्दों का मकसद

प्रयागराज से यूपी एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक खतरानाक आतंक के नेटवर्क का खुलासा किया है. लेकिन अब सुरक्षा एजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुटी हुई हैं कि कहीं 18 सितंबर को इन आतंकियों का प्लान, उरी जैसी वारदात को अंजाम देने का तो नहीं था. क्योंकि 18 सितंबर 2016 को उरी में इंडियन आर्मी के कैंप पर आतंकियों ने हमला किया था.

प्रयागराज : प्रयागराज में यूपी एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंक के जिस नेटवर्क का खुलासा किया है, कहीं उनका इरादा 5 साल पहले जम्मू कश्मीर के उरी में इंडियन आर्मी के कैम्प पर हुए आतंकी हमले जैसी वारदात दोहराने की तो नहीं थी. क्योंकि जीशान ने 13 सितम्बर की रात में पोल्ट्री फार्म में विस्फोटक रखवाते समय, उसे दो दिन बाद वहां से हटाने की बात कही थी. जिससे इस आशंका को बल मिलता है कि कहीं आतंकी 18 सितम्बर को उरी जैसी वारदात को, उसी तारीख पर दोहराने की योजना तो नहीं बनाए हुए थे. हालांकि पकड़े गए आतंकियों से हुई पूछताछ में अभी तक इस तरह की किसी साजिश का खुलासा नहीं हुआ है. सुरक्षा एजेंसियां एक-एक कर आतंकियों के मंसूबे का खुलासा कर रही हैं.

खतरनाक मंसूबे पाल रखे थे प्रयागराज में पकड़े गए आतंकी

आपको बता दें, एटीएस के हत्थे चढ़े जीशान ने नैनी में ही स्थित सैम हिंगी बॉटम युनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस से एमबीए की पढ़ाई की थी. पढ़ाई के दौरान जीशान इस इलाके में रोजाना आने जाने की वजह से, हर रास्ते से बखूबी परिचित था. यही वजह थी कि उसने आईईडी रखने के लिए नैनी के डांडी इलाके को चुना था. नैनी के डांडी इलाके में विस्फोटक रखने की वजह से ही इस आशंका को बल मिल रहा है कि कहीं उरी में हुई आतंकी घटना वाले दिन ही, उसी तरह की घटना दोबारा करने की साजिश आतंकियों ने तो नहीं रची थी. वहीं, अभी तक सुरक्षा एजेंसियां इन आतंकियों से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही हैं, जिनके पकड़े जाने के बाद कई और बड़े राज खुल सकते हैं.


18 सितम्बर से चार दिन पहले नैनी पहुंचा था विस्फोटक

18 सितंबर की तारीख से पांच दिन पहले 13 सितम्बर को विस्फोटक कार से लाकर नैनी इलाके में रखा जाना, ये संकेत दे रहा है कि कहीं 5 साल पहले जिस तरह से 18 सितम्बर को सेना के ठिकाने पर हमला करके देश को दहलाया गया था, उसी तरह की साजिश सीमा पार से फिर से तो नहीं रची गयी थी. बहरहाल इन सभी सवालों का जवाब एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ ही देश की सुरक्षा एजेंसियां तलाश रही हैं. 14 सितम्बर को आईएसआई मॉड्यूल से जुड़े जीशान को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसकी तस्दीक पर नैनी इलाके से जिंदा आईईडी बरामद कर उसे निष्क्रिय करवाया गया. वहीं जीशान ने 13 सितम्बर को नैनी के डांडी इलाके में आईईडी को पोल्ट्री फार्म में रखवाया गया था.

नैनी के डांडी में शाहरुख के पोल्ट्री फार्म पर विस्फोटक को दो तीन दिनों के लिए कहकर रखा गया था, जिसके आगे ही चाका में सेना का केंद्रीय आयुध भंडार है. जिससे आशंका जतायी जा रही है कि कहीं चार दिन पहले पकड़े गए जीशान और उसके साथियों के निशाने पर केंद्रीय आयुध भंडार तो नहीं था. क्योंकि पकड़े गए आतंकियों के कब्जे से आईईडी के साथ ही दो हैंड ग्रेनेड और दो पिस्टल व पचास कारतूस भी मिला था. इस कारण ये आशंका और मजबूत होती है कि कहीं आईएसआई से जुड़े इन आतंकियों के निशाने पर सेना का केंद्रीय आयुध भंडार ही न रहा हो. इन आतंकियों के पास से आतंक फैलाने के लिए बरामद हुए असलहों में आईईडी के साथ ही दो हैंड ग्रेनेड, 2 पिस्टल के साथ ही 50 कारतूस भी बरामद हुए हैं, जो कहीं भी दहशत फैलाने के लिए पर्याप्त थे. प्रयागराज में 14 तारीख तक इतने असलहे और विस्फोटक जमा किये जा चुके थे, जिसके जरिये आतंकी उरी जैसी घटना को अंजाम दे सकते थे. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता की वजह से ही 14 सितम्बर को ही आतंकी पकड़े गए और उनके सारे मंसूबे फेल हो गए. बहरहाल अभी तक पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में इस तरह की किसी योजना की जानकारी नहीं मिली है.

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केंद्रीय आयुध भंडार से कुछ ही दूरी पर पकड़ा गया आईईडी


18 सितम्बर 2016 को पाकिस्तान से आये आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में इंडियन आर्मी के कैम्प पर हमला किया था. इस हमले में सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद 28-29 सितम्बर की रात में भारत ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान की धरती पर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के कई ठिकानों का सफाया कर दिया था. दूसरी तरफ प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र के जिस इलाके में आतंकी जीशान कमर ने अपना ठिकाना बनाया था, जहां से एटीएस ने जिंदा आईईडी बरामद कर उसे डिफ्यूज करवाया है. उस जगह से थोड़ी ही दूरी पर सेना का आयुध भंडार है. इससे आशंका बनती है कि कहीं इन आतंकियों के मन में 18 सितम्बर को उरी में हुई घटना जैसी घटना को दोहराने का मंसूबा तो नहीं था. क्योंकि करेली इलाके में रहने वाले जीशान ने आईईडी रखने के लिए नैनी के इस इलाके को क्यों चुना, जहां से थोड़ी ही दूरी पर सेना का केंद्रीय आयुध भंडार है. हालांकि, इन आतंकियों की जो भी योजनाएं रही हों, उसे अंजाम देने से पहले ही इनके सारे मंसूबों पर पानी फिर गया. बहरहाल, अभी भी एटीएस के साथ दिल्ली की स्पेशल सेल पकड़े गए दहशतगर्दों से पूछताछ कर उनके सारे मंसूबों का पता लगाने में जुटी हैं.

Last Updated :Sep 18, 2021, 5:42 PM IST
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