Mahant Narendra Giri Suicide Case: अचानक बाघम्बरी मठ पहुंची एसआईटी की टीम

author img

By

Published : Sep 24, 2021, 12:36 PM IST

अचानक बाघम्बरी मठ पहुंची एसआईटी की टीम

बता दें कि 20 सितम्बर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) ने संदिग्ध अवस्था में सुसाइड कर लिया था. उनके कमरे से कई पन्नों वाला सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए तीन नाम लिखे हुए थे. जिसमें सबसे पहला नाम महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे स्वामी आनंद गिरि का जबकि दूसरा नाम लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या तिवारी का था और तीसरा नाम आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी का लिखा हुआ था.

प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड मामले( Mahant Narendra Giri Suicide Cas) को लेकर हर दिन नए तथ्य सामने आ रहे हैं. जांच एजेंसियां महंत से जुड़े हर संदिग्ध लोगों पर नजर बनाए हुए हैं. प्रदेश सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति दे दी है. सीबीआई (CBI) की पांच सदस्यीय टीम गुरुवार को प्रयागराज पहुंची थी. टीम ने केस को हैंड ओवर करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जो शुक्रवार को पूरी की गई. कहा जा रहा है कि शुक्रवार को नरेंद्र गिरि की मौत की जांच सीबीआई ने संभाल ली है. वहीं आज सुबह अचानक एसआईटी (SIT) की टीम बाघंबरी मठ पहुंचकर निरीक्षण किया.

एसआईटी की टीम शुक्रवार 11 बजे के करीब अचानक मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंची है. एसआईटी की टीम में दूसरे नंबर की अधिकारी डीएसपी आस्था जायसवाल मठ में पहुंचीं. उनके साथ ही टीम में शामिल इंस्पेक्टर और सब इंसेक्टर भी मठ के अंदर गए . इस टीम ने सबसे पहले उस कमरे का बाहर से निरीक्षण किया, जहां पर महंत नरेंद्र गिरी के फांसी लगाए जाने की बात कही जा रही है. टीम ने मठ के अंदर उस कमरे का बाहर से निरीक्षण करने के बाद मठ के दूसरे हिस्सों का भी निरीक्षण किया. इसके बाद टीम सीधे मठ के उस हिस्से में गयी जहां पर साधु संत निवास करते हैं. बताया जा रहा है कि एसआईटी की टीम मठ के अंदर जाकर वहां मौजूद साधु-संतों से बयान ले रही है.

बता दें कि 20 सितम्बर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने संदिग्ध अवस्था में सुसाइड कर लिया था. उनके कमरे से कई पन्नों वाला सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए तीन नाम लिखे हुए थे. जिसमें सबसे पहला नाम महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे स्वामी आनंद गिरि का जबकि दूसरा नाम लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या तिवारी का था और तीसरा नाम आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी का लिखा हुआ था.

पुलिस ने आद्या तिवारी के अलावा आनंद गिरि को हरिद्वार से पकड़ लिया था, तभी से पुलिस आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी की तलाश कर रही थी, जिसे डीआईजी द्वारा गठित एसआईटी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शाम को पुलिस आनंद गिरि और आद्या तिवारी को कोर्ट में भी पेश कर चुकी है, जहां से कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. संदीप तिवारी से पूछताछ के बाद उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है.

बता दें कि संत और उनके अनुयायी लगातार उनके द्वारा आत्महत्या करने की बात को नकार रहे हैं. नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव ने याचिका भी दाखिल की है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत कई दलों ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी. कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता प्रमोद तिवारी ने भी सच्‍चाई सामने लाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी.

पढ़ें- सलाखों में उड़ी आनंद गिरि की नींद: IG केपी से हत्या का भय, दाल-रोटी खाने से गुरेज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.