इत्र कारोबारी पीयूष जैन को बड़ी राहत, 200 करोड़ कैश मामले में हाईकोर्ट से मिली जमानत

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Published : Sep 1, 2022, 5:14 PM IST

Updated : Sep 1, 2022, 6:53 PM IST

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कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने रिहा करने के आदेश दिए हैं. पीयूष जैन के ठिकानों से करीब 200 करोड़ कैश बरामद होने के मामले में वो जेल में थे. (Piyush Jain Got Bail)

प्रयागराज: कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने पीयूष जैन की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है. कोर्ट ने इत्र कारोबारी को जमानत (Piyush Jain Got Bail) पर रिहा करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने यह आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि पीयूष जैन के ठिकानों से तकरीबन 200 करोड़ रुपए कैश बरामद (200 Crore Cash Case) होने के मामले में पीयूष जैन को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन अब उन्हें जमानत मिल गई है.

बता दें कि टैक्स चोरी की शिकायत पर जीएसटी समेत अन्य विभागों की टीमों ने पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों पर 22 दिसंबर 2021 से लेकर 28 दिसंबर 2021 तक छापा डाला था. छापे के दौरान पीयूष जैन के घर से 196.58 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी और 23 किलो सोना बरामद किया गया था. बरामद माल निदेशक रेवेन्यू इंटेलिजेंस को सौंप दिया गया. वहीं इस मामले में पीयूष जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

आरोप है कि पीयूष जैन इत्र बनाने की तीन कंपनियों के मालिक थे और उन्होंने बिना जीएसटी और अन्य टैक्स दिए करोड़ों रुपए का कारोबार किया. वह जिन लोगों से लेनदेन करते थे, उनका भी ब्यौरा पीयूष जैन ने छिपाया था. इसके अलावा कहीं भी उन कंपनियों की एंट्री नहीं की, जहां से वो रॉ-मैटेरियल लेते और बिक्री करते थे. कानपुर की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 5 फरवरी 2022 और सेशन कोर्ट ने 28 अप्रैल 2022 को पीयूष जैन की जमानत नामंजूर कर दी थी.

इसके बाद पीयूष जैन ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की. पीयूष जैन के अधिवक्ताओं की दलील थी कि वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं और 8 माह से अधिक समय से जेल में बंद हैं. अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि उन पर जिन अपराधों का आरोप है, उनमें 8 माह से लेकर अधिकतम 5 वर्ष तक की सजा का प्रावधान हैं. अपराध शमनीय प्रकृति का है. यह भी कहा गया कि पीयूष जैन 54.09 करोड़ रुपए जीएसटी का भुगतान कर चुके हैं.

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दूसरी ओर अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि पीयूष जैन ने अपने कारोबार और लेनदेन के संबंध में जानकारियों को छुपाया है. उनके पास से बरामद 23 किलो सोना विदेश से प्राप्त होने का संदेह है. उनकी कर जिम्मेदारियां अभी तक की जानी बाकी हैं, इसलिए जमानत देने का आधार नहीं है.

कोर्ट ने पीयूष जैन के वकीलों की दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि इस अपराध में अधिकतम 5 वर्ष तक कैद की सजा है. आरोपी ने 54.0 9 करोड़ से अधिक का कर भुगतान भी कर दिया है. इसलिए जमानत दिए जाने का पर्याप्त आधार है. इसके बाद कोर्ट ने पीयूष जैन को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

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Last Updated :Sep 1, 2022, 6:53 PM IST
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