ज्ञानवापी मस्जिद मामला, इलाहाबाद हाई कोर्ट में 3 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित

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Published : Sep 28, 2022, 8:08 PM IST

Updated : Sep 28, 2022, 11:08 PM IST

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ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल तीन याचिकाओं पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. वहीं सर्वे के मामले में कोर्ट ने 28 सितंबर को सुनवाई की तारीख दी है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वेश्वर नाथ ज्ञानवापी मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर पोषनीयता को लेकर दाखिल तीन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. सर्वे के मामले में निदेशक पुरातत्व ने हलफनामा दाखिल करने के लिए मांगा समय मांगा है. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तारीख नियत की है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने दिया है.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद वाराणसी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने जवाब दाखिल किया. केंद्र सरकार के अधिवक्ता अजय सिंह ने महानिदेशक पुरातत्व का हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है.

मस्जिद की ओर से अधिवक्ता एसएफए नकवी ने व्यवहार प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 पर बहस की. मंदिर पक्ष की ओर से वक्फ बोर्ड की सूची दाखिल कर बताया गया कि किसी भी संपत्ति पर प्लाट नंबर नहीं है. कोर्ट में इस मामले में अब 28 सितंबर को सुनवाई होगी. उस दिन जिला जज वाराणसी के फैसले से भी कोर्ट को अवगत कराए जाएंगे.

ज्ञानवापी मामले में सुनवाई टली
इलाहाबाद हाईकोर्ट में काशी विश्वेश्वर नाथ ज्ञानवापी मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी. क्योंकि महानिदेशक पुरातत्व बीमार होने के कारण उपस्थित नहीं हो सकीं. केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने सुनवाई के लिए दूसरी तारीख देने का अनुरोध किया. इस पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अगली सुनवाई के लिए 18 अक्तूबर की तारीख लगा दी. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी वाराणसी व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं पर इससे पूर्व कोर्ट ने महानिदेशक पुरातत्व को तलब किया था.
केंद्र सरकार की ओर से उपस्थित अपर सॉलिसीटर जनरल एसपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि सर्जरी के करना महानिदेशक को डॉक्टरों के आराम करने की सलाह दी है. स्वस्थ होने पर वह अदालत में उपास्थित होंगी. इस पर कोर्ट ने 18 अक्टूबर कि तारीख नियत करते हुए कहा है कि प्रकारण राष्ट्रीय महत्त्व का है. इसलिए महानिदेशक अगली सुनवाई पर अवश्य उपस्थित हों. पिछली सुनवाई पर मस्जिद की ओर से अधिवक्ता एसएफए नकवीं ने व्यवहार प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 पर बहस की. उधर, मंदिर पक्ष की ओर से वक़्फ़ बोर्ड की सूची दाखिल कर बताया गया था कि किसी भी संपत्ति पर प्लाट नंबर नहीं है.

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Last Updated :Sep 28, 2022, 11:08 PM IST
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