आरोपी को भी है वाद के जल्दी निस्तारण का अधिकार: इलाहाबाद हाईकोर्ट

author img

By

Published : Sep 22, 2022, 6:58 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला देते हुए कहा कि वाद के जल्दी निस्तारण की मांग करने का अधिकार सिर्फ शिकायत कर्ता को ही नहीं बल्कि आरोपी को भी है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि वाद के जल्दी निस्तारण की मांग करने का अधिकार आरोपी को भी है. सिर्फ शिकायत कर्ता तक यह अधिकार सीमित नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हिस्सा है. कोर्ट ने निचली अदालतों को यह निर्देश भी दिया कि वे आपराधिक कार्यवाहियाें का निस्तारण शीघ्रता से समाप्त करें। कोर्ट ने 24 साल पुराने आपराधिक मामले को रद्द कर दिया.

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमसेरी ने अलीगढ़ के डॉ. मीराज अली व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने इतने पुराने मामले में आपराधिक कार्यवाही को केवल डिस्चार्ज आवेदन के चरण तक पहुंचने पर नाराजगी जताई. कहा कि याचियों की इतने सालों तक कार्रवाई पूरी न होने की पीड़ा की भरपाई नहीं की जा सकती है.

मामले में अलीगढ़ के याची डॉ. मेराज अली के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467 और 468 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जांच के बाद 18 नवंबर 2000 को चार्जशीट दाखिल की गई और संज्ञान भी लिया गया। आवेदकों ने 23 दिसंबर 2021 को डिस्चार्ज (उन्मोचित) के लिए एक आवेदन दाखिल किया था, जिसे 9 मार्च 2022 को खारिज कर दिया गया था.

इसे भी पढे़ं- हाईकोर्ट ने डिप्टी डायरेक्टर पंचायती राज के खिलाफ जारी किया वारंट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.