इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अध्यापक के रिटायरमेंट के बाद बर्खास्तगी रोकने का आदेश किया रद्द

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Published : Sep 21, 2022, 6:42 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अध्यापक की सेवा समाप्ति आदेश को उसके सेवानिवृत के बाद रोकने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अध्यापक की सेवा समाप्ति आदेश को उसके रिटायरमेंट के बाद रोकने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा एवं न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया. खंडपीठ ने मामले में गुण दोष पर विचार कर निर्णय लेने के प्रकरण को एकल पीठ को वापस भेज दिया.

माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से दाखिल विशेष अपील में कहा गया था कि बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाने का मतलब याचिका को अंतिम रूप से स्वीकार कर लेना होगा, जो नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही एकल पीठ ने सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक का कोई उचित कारण नहीं बताया. याची 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त हो चुका था तो ऐसी स्थिति में उसकी बर्खास्तगी के लिए 9 मार्च 2022 और 15 मार्च 2022 के आदेशों पर रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं था.

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झांसी निवासी सहायक अध्यापक प्रमोद कुमार सिंह की ओर से कहा गया कि बर्खास्तगी आदेश सक्षम अधिकारी ने नहीं किया है. याची की नियुक्ति सहायक अध्यापक के तौर पर जन सहयोगी इंटर कॉलेज बुढ़ाना औरैया में हुई थी. ऐसे में विधिक प्रक्रिया अपनाए बगैर उसे बर्खास्त करना गलत था. बीएड की डिग्री फर्जी पाए जाने के आधार पर डीआईओएस ने याची की सेवा समाप्त कर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था. विद्यालय के प्रबंधक ने डीआईओएस के निर्देश के क्रम में 15 मार्च 2022 को याची को बर्खास्त कर दिया. एकल पीठ ने 31 मार्च 2022 को रिटायर होने के बाद अंतरिम आदेश से याची की सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगा दी थी.

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