UP Election 2022: पीलीभीत शहर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर के आसार, जानिए चुनावी समीकरण

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Published : Sep 20, 2021, 8:20 AM IST

पीलीभीत शहर विधानसभा सीट

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) को लेकर यूपी में सियासी पारा चढ़ने लगा है. राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह तैयारियों में जुट गई है. पीलीभीत शहर विधानसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. जानिए आगामी विधानसभा चुनाव में यहां का चुनावी समीकरण क्या होगा?

पीलीभीत: जिले की 127 शहर विधानसभा की सीट बरेली और उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की सीमा से जुड़ी विधानसभा सीट है, जो देवहा नदी के किनारे बसी है. उत्तर प्रदेश की विधानसभा सीट लखनऊ से करीब 285 किलोमीटर दूर स्थित है.

शहर विधानसभा की सीट का भूगोल
जिले की शहर विधानसभा प्रमुख रूप से देवहा और खकरा नदी के किनारे बसी हुई है. इसके साथ ही यह विधानसभा सीट हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है, क्योंकि यहां कई ऐसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं. जिनका निर्माण गंगा जमुना तहजीब के आधार पर कराया गया है. इसके साथ ही कई ऐतिहासिक धरोहर भी पीलीभीत की शहर विधानसभा में देखने को मिलती हैं. पीलीभीत शहर का इतिहास कहीं न कहीं महाभारत काल से भी जुड़ा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में मयूरध्वज नाम का राजा इस भाग में राज किया करता था, ऐसा माना जाता है कि खकरा नदी की बायीं ओर एक पुराना गांव था, जो उत्तर पूर्व में स्थित था. उसका नाम पीलीभीत हुआ करता था. पीलीभीत नाम की उत्पत्ति दो शब्दों से हुई है. पहला पीली और दूसरा भी इस शब्द के पहले शब्द का अर्थ बताएं पीला व स्थानीय भाषा में भीत का अर्थ मिट्टी होता है, प्राचीन काल में पीलीभीत एक पीली मिट्टी की दीवाल से घिरा हुआ करता था, इसलिए इसका नाम पीलीभीत पड़ा.

पीलीभीत स्वतंत्र रूप से जिले के अस्तित्व में आने से पहले बरेली जिले का एक हिस्सा हुआ करता था. 1871 में इसे बरेली जिले के अंतर्गत एक अलग सबडिवीजन बनाया गया. वहीं 1879 में पीलीभीत सबडिवीजन को बरेली से अलग कर कर एक स्वतंत्र जिला बना दिया गया.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत विधानसभा सीट पर लंबे समय तक समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सरकार के दौर में कैबिनेट मंत्री रहे हाजी रियाज अहमद ने कब्जा जमाए रखा. वहीं बीते विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय सिंह गंगवार ने हाजी रियाज का किला ध्वस्त करते हुए इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया. अब आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता किसको अपना विधायक चुनेगी यह तो आगामी विधानसभा चुनाव के बाद ही तय हो पाएगा.

कुल मतदाता
127 पीलीभीत सदर विधान सभा क्षेत्र में कुल 3 लाख 67 हजार 673 मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 96 हजार 121 पुरुष व 1 लाख 71 हजार 524 महिला मतदाता हैं.

पीलीभीत शहर विधानसभा  के कुल मतदाता
पीलीभीत शहर विधानसभा के कुल मतदाता

शहर विधानसभा सीट पर वोटरों के आंकड़े
2017 में जारी हुए आंकड़ों की बात करें तो सदर विधानसभा सीट पर कुल 3,67,674 मतदाता है. यहां जातिगत आंकड़ें बहुत अलग हैं. 1 लाख 15 हजार मुस्लिम, 32 हजार दलित, 11 हजार ब्राहम्ण, 45 हजार कुर्मी, 25 हजार लोध, 18 हजार कश्यप, 17 हजार मौर्या, 10 हजार कायस्थ, 4 हजार क्षत्रिय, 11 हजार वैश्य मतदाता हैं.

पीलीभीत शहर विधानसभा  के जातिगत  आंकड़े
पीलीभीत शहर विधानसभा के जातिगत आंकड़े

शहर विधानसभा सीट पर कौन-कौन रहा विधायक
सन 1974 में BKD उम्मीदवार धीरेंद्र सहाय पीलीभीत की शहर विधानसभा सीट पर विधायक बने, तो वहीं 1977 के चुनाव में JNP के उम्मीदवार धीरेंद्र शाही को जनता ने दोबारा विधायक चुना. 1980 में हुए चुनाव में चरणजीत सिंह को जनता ने विधायक चुनकर विधानसभा भेजा. 1985 के चुनाव में सैयद अली अशरफी को जनता ने भारी मतों से जीता कर विधानसभा भेजने का काम किया, जिसके बाद शहर विधानसभा की सीट पर हाजी रियाज अहमद 1979 में चुनाव लड़कर विधायक बने. 1991 में हुए चुनाव के दौरान बीजेपी के उम्मीदवार बीके गुप्ता को भारी वोटों से जनता ने जीता कर सदन में भेजने का काम किया. 1993 में हुए चुनाव में भी बीके गुप्ता एक बार फिर जनता द्वारा विधायक चुने गए. इसके बाद बीजेपी के प्रत्याशी राज राज सिंह को 1996 में भारी मतों से जीता कर जनता ने विधायक बनाया. 2002 में हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर हाजी रियाज अहमद फिर विधायक बने और उनका कब्ज़ा लगातार 2017 के चुनाव तक जारी रहा. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर संजय सिंह गंगवार विधायक चुने गए.

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कौन है पीलीभीत के शहर विधायक
मौजूदा विधायक संजय सिंह गंगवार का जन्म मझोला कस्बे में एक साधारण से परिवार में हुआ था. वर्तमान में शहर विधायक की उम्र लगभग 46 साल है. शहर विधायक के पिता बाबू राम गंगवार मझोला फैक्ट्री में काम किया करते थे, बचपन से ही शहर विधायक संजय सिंह गंगवार जनता के लिए कुछ करने का जज्बा रखते थे. एक साधारण से परिवार से ताल्लुक रखने वाले शहर विधायक संजय सिंह गंगवार वर्तमान स्थिति में करीब दो करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक है. राजनीतिक जीवन की बात करें, तो संजय सिंह गंगवार के अलावा उनके दोनों भाई भी राजनीति में उनका बखूबी साथ देते हैं. हाल में हुए ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव में संजय सिंह गंगवार के छोटे भाई अजय सिंह गंगवार को ललौली खेड़ा ब्लॉक का प्रमुख चुना गया तो वहीं दूसरे छोटे भाई विजय सिंह गंगवार विधायक संजय सिंह की गैरमौजूदगी में जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं. इसके साथ ही संगठन के काम की जिम्मेदारी भी शहर विधायक संजय के भाई विजय बखूबी निभाते नजर आते हैं.

विधायक संजय सिंह गंगवार
विधायक संजय सिंह गंगवार

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2017 का चुनावी हाल
शहर विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सरकार के दौर में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हाजी रियाज अहमद का कब्जा हुआ करता था. पर बीते 2017 के चुनाव में हाजी रियाज अहमद को एक बड़े वोटों के अंतर से हराकर भाजपा के उम्मीदवार संजय सिंह गंगवार ने जीत हासिल की. बीजेपी के प्रत्याशी संजय गंगवार ने मौजूदा सपा विधायक और कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद को 42362 वोटों से हराया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में संजय गंगवार को कुल 134720 वोट मिले, इनके मुकाबले रियाज अहमद के खाते में 92358 वोट ही आए थे, तो वहीं बसपा के उम्मीदवार अरशद खान 13256 पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे.

सपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला
पीलीभीत की शहर विधानसभा की सीट पर आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है. एक तरफ वर्तमान हालात में भाजपा के टिकट के लिए पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता और वर्तमान भाजपा विधायक संजय सिंह गंगवार दावेदारी कर रहे हैं, तो समाजवादी पार्टी के खेमे में टिकट के दावेदारों की लंबी लिस्ट है. वहीं बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अभी जनता के बीच कहीं नजर नहीं आ रहे हैं.

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