पीलीभीत: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले संचित गंगवार ने अपने तीसरे प्रयास के दौरान परीक्षा उत्तीर्ण की और 222वी रैंक के साथ अब संचित आईएएस अफसर बन गए हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले संचित गंगवार प्रयागराज में बतौर समीक्षा अधिकारी तैनात हैं. समीक्षा अधिकारी की नौकरी में रहते हुए भी संचित गंगवार ने आईएएस की परीक्षा क्वालिफाई की है. इससे पहले वह फ्लिपकार्ट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. ईटीवी भारत के संवाददाता ने आईएएस क्वालीफाई करने वाले संचित गंगवार से बातचीत की और उनके अनुभव को साझा किया.
संचित गंगवार ने बताया कि यूपीएससी के पहले प्रयास के दौरान उन्हें प्री एग्जाम में ही हताशा का सामना करना पड़ा था. पहला एग्जाम देने से पहले संचित ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी के लिए तैयारी की थी और कोचिंग भी ग्रहण की थी, लेकिन इसके बावजूद कुछ गलतियों के चलते असफल हो गए. जिसके बाद जब उन्होंने दूसरी बार प्रयास किया तब भी मेंस की परीक्षा में उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद संचित ने हार नहीं मानी.
संचित गंगवार का कहना है कि कोई भी साधारण छात्र 6 से 8 घंटे के परीक्षण के बाद घर में रहकर ही बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर सकता है. बस इसके लिए एक निर्धारित टाइम टेबल की जरूरत होती है. संचित की माने तो इंटरव्यू के दौरान उनसे पीलीभीत जिले के लिए तमाम सवाल पूछे गए पहले तो जिले के बारे में कुछ बताने को कहा गया तो उन्होंने अपने जिले की लोकेशन बताते हुए कहा कि यह तराई क्षेत्र है जो शारदा नदी के किनारे बसा हुआ है. इसके साथ ही लखनऊ में विख्यात गोमती नदी का उद्गम स्थल भी पीलीभीत में है. इसके साथ ही संचित गंगवार ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि पीलीभीत को विश्व विख्यात बनाने वाला यहां एक बेहद टाइगर रिजर्व भी मौजूद है.
इंटरव्यू के दौरान संचित से उनकी पहली नौकरियों के बारे में भी सवाल किया गया. जनता की संचित कुछ समय पहले फ्लिपकार्ट में बताओ और सॉफ्टवेयर इंजीनियर तैनात थे तो उस सेवा के दौरान उनके अनुभव और सुझाव को भी जानने का प्रयास इंटरव्यू के दौरान किया गया. जिसके बाद संचित ने बताया कि टेक्निकल रूप से ई-कॉमर्स एक अच्छी व्यवस्था है. जिसके जरिए कस्टमर को कोई भी सामान घर बैठे आराम से मिल सकता है. इंटरव्यू लेने वाले जिम्मेदारों ने संचित से सवाल पूछा कि ई-कॉमर्स के लिए लागू हुए. नए कानूनों का क्या प्रभाव पड़ेगा तो संचित ने बताया कि कुछ नियम तो अच्छे हैं जिससे कस्टमर का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और वह सुरक्षा और सहजता के साथ शॉपिंग कर सकेगा. वहीं दूसरी ओर इन नियमों के अनुसार ई-कॉमर्स को अच्छी ग्रोथ मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसे नियम भी हैं जिनकी परिभाषा स्पष्ट नहीं है जिसके कारण छोटे लोगों को बटन का सामना करना पड़ेगा.
वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट को भी लेकर पूछा गया सवाल
इंटरव्यू लेने वाले लोगों ने संचित से वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट को भी लेकर सवाल पूछा. सवाल के दौरान पूछा गया कि पीलीभीत के वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के रूप में क्या चुना गया है और इसको ई-कॉमर्स के जरिए कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है. जिस पर संचित ने बखूबी जवाब देते हुए बताया कि पीलीभीत की बांसुरी वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट में एक अलग पहचान रखती है. इसके साथ ही बांसुरी को ई-कॉमर्स की मदद से देश-विदेश व इंडिया के हर एक कोने तक पहुंचाया जा सकता है जिससे इसकी सप्लाई में बढ़ावा होगा और उत्पादन करने वालों की आय भी बढ़ेगी.
पंचायत से इंटरव्यू के दौरान के सवाल पूछा गया जैसा कि वह कंप्यूटर साइंस की ट्रेड से आते हैं तो कंप्यूटर साइंस उनकी आईएएस कि जिंदगी में क्या सहायता कर सकता है. ऐसे में कंप्यूटर साइंस से ताल्लुक रखने वाले संचित ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि कंप्यूटर साइंस की मदद से डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को बखूबी अंजाम दिया जा सकता है और जैसे कि सरकार की मंशा है कि एक गवर्नमेंट और ई डिस्ट्रिक जैसी व्यवस्था लागू हो यह सब कंप्यूटर साइंस की मदद से बखूबी किया जा सकता है.
संचित के इंटरव्यू क्वालीफाई करने के बाद परिवार में जश्न का माहौल है. घर को गुब्बारों की मदद से बखूबी सजाया गया है. उनके घर पर बधाई देने के लिए तमाम लोग और रिश्तेदार आ रहे हैं इसके साथ ही संचित के परिवार में उनके माता-पिता और एक बड़े भाई हैं संचित के बड़े भाई हर्षित गंगवार ओएनजीसी में बतौर इंजीनियर के पद पर तैनात हैं. वहीं उनके पिता पीएल गंगवार कृषि विभाग से रिटायर हो चुके हैं.
आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले संचित गंगवार ने पीलीभीत के बेनहर पब्लिक स्कूल से फर्स्ट से लेकर इंटर तक की परीक्षा हासिल की. जिसके बाद वह बीटेक करने के लिए ट्रिपल आईटी हैदराबाद चले गए. जहां से शिक्षा दीक्षा हासिल करने के बाद संचित ने फ्लिपकार्ट में सॉफ्टवेयर डेवलपर की जॉब शुरू कर दी. जीवन में कुछ करने की सोच रखने वाले संचित ने 3 प्रयासों के बाद आखिरकार आईएएस परीक्षा को उत्तीर्ण कर माता-पिता का नाम रोशन किया.
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