UP Election 2022: जानिए क्या होगा मुजफ्फरनगर की पुरकाजी विधानसभा का चुनावी समीकरण?

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Published : Oct 2, 2021, 5:41 PM IST

पुरकाजी विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में जानिए मुजफ्फरनगर की पुरकाजी विधानसभा सीट का क्या इतिहास है?

मुजफ्फरनगर: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर अभी से ही हलचल तेज हो गई है. सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. जिले में भी चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि जिले के अंतर्गत आने वाली पुरकाजी विधानसभा 13 में पिछले चुनाव में क्या समीकरण थे और अभी क्या हैं?

पुरकाजी विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
पुरकाजी विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

बता दें कि जिले की पुरकाजी एकमात्र सुरक्षित सीट है जो कि वर्तमान में भाजपा के पास है. भाजपा के प्रमोद ऊंटवाल ने 2017 में इस सीट पर जीत का परचम लहराया था. पुरकाजी में कुल 3 लाख 23 हजार 122 मतदाता हैं. इनमें पुरुष 1 लाख 75 हजार 297 और महिला मतदता 1 लाख 47 हजार 807 हैं. 2008 के परिसीमन के बाद पुरकाजी सीट पर 2012 में पहली बार चुनाव हुआ था. इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अनिल कुमार को जीत मिली थी.

पुरकाजी विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
पुरकाजी विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

2012 में बसपा प्रत्याशी अनिल कुमार को 8,908 वोटों से जीत मिली थी. अनिल कुमार को कुल 53,491 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार दीपक कुमार को 44,583 वोट हासिल हुए. इस चुनाव में कुल 59.53 फीसद मतदाता मतदान करने के लिए बूथ तक पहुंचे. 2012 से पहले जानसठ विधानसभा होती थी जो कि अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए थी. लेकिन 2008 में हुए परिसीमन में जानसठ विधानसभा सीट को समाप्त कर पुरकाजी विधानसभा सीट बनाई गई थी. जानसठ कस्बे को खतौली विधानसभा सीट में मिला दिया गया था.

पुरकाजी विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
पुरकाजी विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

बताते चलें कि पुरकाजी नगर पंचायत है लेकिन यहां की सबसे बड़ी समस्या कोई भी सरकारी इंटर या डिग्री कॉलेज नहीं होना है. जिसकी वजह से कस्बे में रहने वाले छात्र छात्राओं को आसपास में बने गांव के ही कॉलेजों में जाना पड़ता है. चुनाव के दौरान सभी पार्टियां कॉलेज के नाम पर बड़े-बड़े वादे करती हैं लेकिन जीतने के बाद किसी ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते कस्बे में रहने वाले बच्चों को पढ़ाई करने के लिए समस्या का सामना करना पड़ता है.

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वर्तमान भाजपा विधायक प्रमोद ऊंटवाल ने सत्ता के रहते हुए भी कस्बे वासियों को एक कॉलेज मुहैया नहीं करा पाए. साथ ही खादर क्षेत्र में बरसात के समय में कई गांवों पर बाढ़ का खतरा भी मंडरा आता रहता है. जिस कारण उन गांव की समस्या का समाधान कराने के लिए आने वाले चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के सामने एक बड़ी चुनौती होगी.

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