नासा की अंतरराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में विजेता बन शाजिया ने चंदौली का नाम किया रोशन

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Published : Oct 13, 2019, 11:16 AM IST

यूपी की चंदौली की शाजिया ने नासा की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में जीत हासिल की है. शाजिया के परिवार वाले उनकी इस उपलब्धि से काफी खुश हैं. ईटीवी भारत ने शाजिया से बातचीत की.

चन्दौली: किसी ने क्या खूब कहा है, 'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है'. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है चंदौली की बेटी शाजिया इकबाल ने. उन्होंने नासा की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में जीत हासिल की और साइंटिस्ट फॉर ए डे का खिताब हासिल किया है.

ईटीवी भारत ने शाजिया से की बातचीत.

शाजिया मूल रूप से दीनदयाल नगर के कसाब महल की रहने वाली हैं. वर्तमान में सऊदी अरब के रियाद शहर में रहती हैं. चंदौली की बेटी शाजिया ने इस उपलब्धि से न सिर्फ जनपद बल्कि देश का नाम ऊंचा किया है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर ईटीवी भारत ने शाजिया इकबाल से खास बातचीत की.

नासा द्वारा निबंध प्रतियोगिता में शाजिया ने हासिल किया प्रथम स्थान
नासा प्रतिवर्ष ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराती है. इस वर्ष भी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. 'साइंटिस्ट ए डे' शीर्षक आयोजित निबंध में शीर्षक इंसेलाड्स, टाइटन, यूरोपा विषय पर 500 शब्दों में निबंध लिखना था. इसके माध्यम से अंतरिक्ष के क्षेत्र में छात्र के रूचि की जानकारी ली गई. जून के पहले सप्ताह में इसका परिणाम घोषित किया गया. शाजिया को इंसेलाड्स विषय पर अच्छा निबंध लिखने पर पहला स्थान मिला. नासा के वीडियो पावर सिस्टम के मैनेजर जॉन हेमली का हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र शाजिया को दिया गया.

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ओलंपियाड में भी पहला स्थान प्राप्त कर चुकी हैं शाजिया
नगर के कसाब महाल निवासी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर मोहम्मद इकबाल आबिद की पुत्री शाजिया वर्तमान में सऊदी अरब में रहती हैं. शाजिया सऊदी अरब के रियाद शहर में माडर्न मिडल ईस्ट इंटरनेशनल स्कूल के सातवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं. इसके पूर्व 2016 में शाजिया ने ऑनलाइन ओलंपियाड में पहला स्थान प्राप्त किया था. जुलाई 2017 में इंडियन ब्लॉगर अवार्ड भी हासिल किया था.


डॉक्टर बनना चाहती हैं शाजिया
शाजिया का कहना है कि उन्हें बचपन से ही लिखने पढ़ने का शौक रहा है. स्कूल, त्योहार, यात्रा वृत्तांत सहित तमाम बिंदुओं पर उन्होंने ब्लॉग लिखा है. शाजिया अब तक दो सौ से ज्यादा ब्लॉग लिख चुकी हैं. यहीं नहीं शाजिया ने किताब भी लिखी है. 12 वर्षीय शाजिया इकबाल बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. इसके अलावा उनका ब्लॉगर प्रेम भी समान है.

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शाजिया की इस उपलब्धि से परिजन खुश
बेटी शाजिया की इस उपलब्धि से परिवार के लोग भी खुश हैं. कारगिल की लड़ाई में अपना योगदान दे चुके पिता आबिद इकबाल भी बेटी के इस हुनर से खुश हैं. वो चाहते हैं कि अपनी रूचि के अनुसार वह अपना भविष्य चुने. साथ ही नासा की प्रतियोगिता के बारे में बताया कि अमेरिका के एक टूर के दौरान नासा जाने का मौका मिला. यहां इस बाबत जानकारी हुई. इस ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता के लिए इंसेलाड्स विषय का चयन किया और इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया.

Intro:चन्दौली - किसी ने क्या खूब कहा है, की मंजिल उन्ही को मिलती है. जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. चंदौली की बिटिया साजिया इकबाल ने. जिसने नासा की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में जीत हासिल की और साइंटिस्ट फॉर ए डे का खिताब हासिल किया है. साजिया मूल रूप से दीनदयाल नगर के कसाब महल की रहने वाली और वर्तमान में सऊदी अरब के रियाद शहर में रह रही रही है. चंदौली की बेटी शाजिया ने इस उपलब्धि से न सिर्फ जनपद बल्कि देश का नाम ऊंचा किया है. आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर ईटीवी भारत साजिया इक़बाल को सलाम करता है...पेश है एक स्पेशल रिपोर्ट...

Body:दरअसल नासा प्रतिवर्ष ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराती है. इस वर्ष भी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. साइंटिस्ट ए डे शीर्षक आयोजित निबंध में शीर्षक इंसेलाड्स, टाइटन, यूरोपा विषय पर 500 शब्दों में निबंध लिखना था. इसके माध्यम से अंतरिक्ष के क्षेत्र में छात्र के रुचि की जानकारी ली गई. जून के पहले सप्ताह में इसका परिणाम घोषित किया गया. शाजिया को इंसेलाड्स विषय पर अच्छा निबंध लिखने पर पहला स्थान मिला. इसके बाद नासा के वीडियो पावर सिस्टम के मैनेजर जान हेमली का हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र शाजिया को दिया गया.

नगर के कसाब महाल निवासी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर मोहम्मद इकबाल आबिद की पुत्री साजिया वर्तमान में सऊदी अरब में रियाद शहर में माडर्न मिडल ईस्ट इंटरनेशनल स्कूल के सातवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है. इसके पूर्व 2016 में शाजिया ने ऑनलाइन ओलंपियाड में पहला स्थान प्राप्त किया था. जबकि जुलाई 2017 में इंडियन ब्लॉगर अवार्ड भी हासिल किया था.

साजिया इकबाल ने इंसेलाड्स पर निबंध लिखा और जीत हासिल कर साइंटिस्ट फॉर ए डे का खिताब हासिल किया है. मूलरूप से नगर की कसाब महाल की रहने वाली और वर्तमान में सऊदी अरब के रियाद शहर में रह रही शाजिया ने इस उपलब्धि से देश का नाम ऊंचा किया है.

साजिया का कहना है उन्हें बचपन से ही लिखने पढ़ने का शौक रहा है. तो पापा ने उसके लिए एक ब्लॉग बना दिया. फिर स्कूल, त्योहार, यात्रा वृत्तांत सहित तमाम बिंदुओं पर ब्लॉग लिखा है.साजिया अबतक दो सौ से ज्यादा ब्लॉग लिख चुकी है. जिन्हें उनके ब्लॉग आईडी पर जाकर पढ़ा जा सकता है.

यहीं नहीं साजिया ने किताब भी लिखी है. हालांकि उनका कहना है वे किताब लिखने की सोच कर नहीं थी. स्टोरी लिखते लिखते किताब की शक्ल ले लिया. एडिटिंग के बाद पब्लिश भी किया गया.

12 वर्षीय साजिया इकबाल की बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती है. लेकिन इसके अलावा उनका ब्लॉगर प्रेम भी समान है. ऐसे में डॉक्टर बनकर अपने मुल्क भारत की ख़िदमत करने के साथ ही ब्लॉग लिखना भी जारी रखेंगी.

वहीं बेटी साजिया की इस उपलब्धि से परिजन भी खुश है. कारगिल की लड़ाई में अपना योगदान दे चुके पिता आबिद इक़बाल भी बेटी के इस हुनर से खुश है. वो चाहते है कि अपनी रुचि के अनुसार अपना भविष्य चुने. साथ ही नासा की प्रतियोगिता के बारे में बताया कि अमेरिका के एक टूर के दौरान नासा जाने का मौका मिला. जहां इस बाबत जानकारी हुई. और अधिक ऑनलाइन जानकारी जुटाने पर इस प्रतियोगिता की जानकारी हुई है. इस ऑनलाइन निबन्ध प्रतियोगिता के लिए इंसेलाड्स विषय का चयन किया और इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया.

बाइट - साजिया इक़बाल

बाइट - आबिद इक़बालConclusion:Kamalesh giri
Chandauli
9452845730

Note - यह खबर अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के लिए स्पेशल स्टोरी है...
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