मरीज को कर्नाटक से उत्तर प्रदेश किया गया शिफ्ट, 2700 किमी की एम्बुलेंस यात्रा सफल

author img

By

Published : Sep 19, 2022, 9:09 PM IST

etv bharat

कर्नाटक के मूडबिद्री में एक युवक गंभीर रुप से घायल हो गया था. घायल युवक को एंबुलेंस के माध्यम से 2700 किमी की दूरी तय करके उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में शिफ्ट किया गया था.

मंगलुरु (कर्नाटक)/मुरादाबाद: हाल ही में मंगलुरु के मूडबिद्री में भर्ती एक मरीज को एंबुलेंस के माध्यम से 2700 किमी की दूरी तय करके उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में शिफ्ट किया गया था. युवक मेहंदी हसन मूडबिद्री के मस्तीकट्टा में सुपारी के गोदाम (वेयरहाउस) में काम कर रहा था. इस दौरान वह गिर गया और बेहोश हो गया. मूडबिदिरी के अलवास अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था.

युवक उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला है इसलिए उसके परिजनों ने उसका मुरादाबाद में इलाज कराने का फैसला किया. इसके अस्पताल के डॉक्टरों की सहमति ली और मुरादाबाद शिफ्ट करने का फैसला किया.

etv bharat
मरीज

इसके बाद शुक्रवार (9 सितंबर) शाम को मंगलुरु हवाई अड्डे से दिल्ली जाने का निर्णय लिया गया. मेंहदी हसन के पिता ने मूडबिद्री में ऐरावत एंबुलेंस के मालिक अनिल रुबन मेंडोंसा से उन्हें अस्पताल से मंगलुरु हवाई अड्डे तक ले जाने का अनुरोध किया था. इसके बाद जब रोगी को शुक्रवार (9 सितंबर) को हवाई अड्डे पर ले जाया गया, तो एयरलाइन ने उसे डॉक्टरों और नर्सों के बिना बोर्ड पर ले जाने से इनकार कर दिया. बाद में मरीज को फिर से मूडबिद्री अस्पताल में भर्ती कराया गया.

मरीज मेहंदी हसन के पिता बब्बू ने शनिवार (10 सितंबर) सुबह एंबुलेंस के मालिक अनिल रुबन मेंडोंसा को फोन किया और एंबुलेंस से मुरादाबाद ले जाने को कहा. इसके बाद एंबुलेंस मालिक अनिल रुबन मेंडोंसा ने पुलिस को सूचित किया और मरीज को मूडबिद्री से मुरादाबाद स्थानांतरित करने के लिए तैयार हो गए.

अनिल रुबन मेंडोंसा भी एंबुलेंस चालक अश्वथ के साथ गए और मरीज मेंहदी हसन को एंबुलेंस में ले गए. इस यात्रा में मरीज मेंहदी हसन के साथ उनके पिता और दोस्त भी थे. शनिवार (10 सितंबर) को मूडबिद्री से रवाना हुई एंबुलेंस सोमवार (12 सितंबर) सुबह मुरादाबाद पहुंची.

पढ़ेंः तेज रफ्तार कार की टक्कर से कई मीटर तक घिसटती रही बच्ची, रूह कंपा देगा Video

एंबुलेंस मालिक अनिल रुबन मेंडोंसा ने कहा कि उन्होंने मेंहदी हसन के पिता के मूडबिद्री से मुरादाबाद पहुंचाने की जिद के बाद पुलिस को जानकारी दी. अस्पताल के डॉक्टर ने आपको इसे अपने जोखिम पर लेने के लिए कहा था.

बिना खाना खाए गाड़ी चलाई
एंबुलेंस मालिक अनिल रुबन मेंडोंसा ने बताया कि 'करीब 2700 किमी दूर हम चले गए और मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया. उन्होंने डीजल भरने के लिए रुकने के अलावा लक्ष्य तक पहुंचने तक कहीं भी आराम नहीं किया और लगातार आगे बढ़ते गए. चालक सहित किसी ने भी दोपहर के भोजन या नाश्ते के लिए वाहन को नहीं रोका. रोगी को हर तीन घंटे में तरल भोजन देना पड़ता था और ऐसे में चालक पास में उपलब्ध जूस पीकर गाड़ी चलाने के लिए तैयार हो जाता था.

'अनिल रुबन मेंडोंसा ने बताया कि 'जब हम मुरादाबाद पहुंचे तो आप बिना डॉक्टर के इतनी दूर कैसे रह सकते थे? वहां के डॉक्टर को आश्‍चर्य हुआ कि वह आ गया है. मरीज का परिवार संपर्क में है और अब वह होश में आ गया है और थोड़ा ठीक हो रहा है.'

एक छोटी एम्बुलेंस में यात्रा करना:
मध्य प्रदेश में एंबुलेंस में यात्रा करते समय, जलवायु परिवर्तन के कारण रोगी के स्वास्थ्य में और उतार-चढ़ाव आया. कुछ हद तक स्वास्थ्य देखभाल का अध्ययन करने वाले मेंडोंसा ने ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर इसे ठीक किया. इतनी लंबी दूरी तक मरीज को ले जाते समय डॉक्टर का होना और मरीज को बड़ी एंबुलेंस में ले जाना जरूरी है, लेकिन मरीज के परिवार के पास इतना आर्थिक सहयोग नहीं है, इसलिए वे उसे एक छोटी एम्बुलेंस में ले गए.

चालक अश्वथ वाहन चलाता था, अनिल रोगी की देखभाल करता था और गूगल मैप्स के माध्यम से सड़क का मार्गदर्शन करता था. कुल मिलाकर, रोगी को एंबुलेंस द्वारा 2700 किमी ले जाया गया. वे एंबुलेंस से मरीज को 2700 किमी दूर ले जाने में सफल रहे.

पढ़ेंः मऊ की तमसा नदी में पलटी नाव, एक छात्र डूबा, 19 बचाए गए

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.