इस मंदिर की अनोखी है परंपरा, पूजा करने के 41 दिन बाद हो जाती है शादी

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Published : Oct 5, 2022, 9:59 AM IST

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मथुरा में वृंदावन के राधा बाग (Radha Bagh of Vrindavan) इलाके में देवी के 51 शक्ति पीठों में से एक कात्यायनी पीठ है. कहा जाता है कि यहां माता सती के केश गिरे थे, जिसका जिक्र शास्त्रों में भी है.

मथुरा: वैसे तो दुनिया भर में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी कुछ न कुछ अलग मान्यता है. जी हां ऐसा ही एक मंदिर धर्म नगरी वृंदावन के राधा बाग (Radha Bagh of Vrindavan) स्थित सिद्धपीठ मां कात्यायनी देवी का मंदिर (Siddhpeeth Maa Katyayani Devi Temple) है, जोकि 1923 में बना था. कहा जाता है कि यहां कात्यायनी माता के केश गिरे थे, जिसके चलते इस मंदिर से श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था है और दूरदराज से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं.

कहा जाता है कि 100 वर्ष पुराना कात्यायनी मंदिर (Katyayani Temple) 52 शक्तिपीठों में से 1 शक्तिपीठ है. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जिन युवक और युवतियों की शादी नहीं हो पाती है या शादी में कोई अड़चन आती है तो वह अगर यहां विशेष पूजा अर्चना करेंगे तो 41 दिनों में उनकी शादी हो जाती है. इतना ही नहीं संध्या आरती के दौरान मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालु भक्तों के ऊपर माता के खजाने से प्रसाद के रूप में पैसे लुटाए जाते हैं, जिसे घर में रखने से बरकत आती है.

जानकारी देते हुए मंदिर पुजारी

वहीं, अगर बात शारदीय नवरात्रों के पावन अवसर की करें तो मंदिर में प्रतिदिन 600 से 700 श्रद्धालु रोज भोजन करते हैं. अष्टमी और नवमी के दौरान मंदिर में विशेष संधि आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश ही नहीं विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर माता के दर्शन कर आरती में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ अर्जित किया.

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