यूपी में बाढ़ का तांडव, काशी से लेकर संगमनगरी तक आफत

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Published : Aug 6, 2021, 7:43 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 10:06 PM IST

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर यूपी में बह रही नदियों पर पड़ा है. बारिश के कारण यूपी की कई नदियां उफान पर हैं. इसी क्रम में गंगा और यमुना व इनकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से वाराणसी, प्रयागराज और मिर्जापुर में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

वाराणसी: इन दिनों पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर नदियों में देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में गंगा नदी उफान पर है और वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. गंगा में बढ़े जलस्तर के कारण अस्सी घाट पर स्थित प्रसिद्ध मंच सुबह ऐ बनारस पानी में डूब गया है.

सामान्य दिनों में इस मंच पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. सुबह ऐ बनारस मंच पर कई कलाकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं. संध्याकालीन गंगा आरती के बाद यहां पर प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसके अलावा घाटों पर पानी भर जाने से लोगों को पूजा-पाठ करने में समस्या हो रही है.

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

शुक्रवार की सुबह केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में गंगा का जलस्तर 69.3 मीटर दर्ज किया गया है. बता दें कि खतरे का निशान 71.26 मीटर पर दर्ज है जबकि वार्निंग लेवल 70.26 मीटर पर है. गंगा के लगातार तेजी से बढ़ने का असर उसकी सहायक नदी वरुणा में देखने को मिल रहा है. बाढ़ की स्थिति में वाराणसी में गंगा नदी से अधिक वरुणा नदी तबाही मचाती है.

वहीं इस बार भी वरुणा नदी का जलस्तर तेजी बढ़कर रिहायशी इलाकों तक पहुंच चुका है. जिसकी वजह से लोग पलायन करने पर मजबूर हैं. लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण तटीय इलाकों के लोगों में दहशत का महौल है. वरुणा से सटे सरैया, दनियालपुर, कोनिया समेत कई इलाकों में नदी का पानी बस्ती के घरों में घुस गया है. तटीय इलाकों में निवास कर रहे लोगों ने बताया कि नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है. जिसके कारण वह अपना घर छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए जा रहे हैं.

लोगों ने बताया कि जिनके पास किसी अन्य स्थान पर रहने की व्यवस्था है, वह वहां चले गए हैं. कुछ लोगों के पास दूसरे स्थानों पर रहने की जगह नहीं है, वह कहीं सड़क के किनारे टेंट लगाकर समय गुजारेंगे. स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण घरों में पानी भर गया है. ऐसे में ज्यादा खतरा जहरीले जंतुओं का होता है, जो पानी के साथ बहकर घरों में पहुंच जाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन उनकी समस्या की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा आरती का स्थान बदला

गंगा एवं वरुणा नदी में बढ़े जलस्तर के कारण शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती पूर्व भांति नहीं हो सकी. गंगा आरती का कार्यक्रम आज शाम को गली में कराया गया. बता दें कि अस्सी घाट पर कई वर्षों से मां गंगा सेवा समिति द्वारा आरती का अनुष्ठान कराया जा रहा है. नदियों का पानी बढ़ने के कारण पूर्व में हो रहे स्थान पर आज गंगा आरती नहीं कराई गई.

प्रयागराज में भी बढ़ा नदी का जलस्तर

प्रयागराज में बढ़े हुए गंगा नदी के जलस्तर के कारण लोगो को काफी परेशानी हो रही है. नदी का पानी अब लोगो के लिए मुशीवत बनने लगा है. शहरी व ग्रामीण इलाकों में गंगा का पानी फैल गया है. इसी क्रम में गंगा पार क्षेत्र के झूंसी से लगे बदरा सनौटी मार्ग पर गंगा का पानी भर गया है. जिसकी वजह से लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

लोग नाव पर ही साइकिल और बाइक लादकर अपने घरों तक आते-जाते हैं. लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण बदरा, सनौटी, पूरे सूरदास, ढोल बजवा, लपेटुआ, हेतापट्टी, बहादुरपुर, इब्राहिमपुर, फतुल्लापुर, फिरोजपुर, दारापुर, मदारपुर, नारायणपुर, समेत कई गांवों तक पहुंचाने वाले सड़क जलमग्न हो गई है. साथ ही किसानों की सैंकड़ों बीघा धान और बाजरे की फसल डूब गई है.

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

बता दें कि प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर के पास पहुंच गया है. फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83.28 मीटर दर्ज किया गया है. वहीं छतनाग में गंगा का जलस्तर 82.48 मीटर है. यमुना का जलस्तर 82.98 मीटर पर है.

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
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मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से जन जीवन अस्त-व्यस्त

लगातार हो रही बारिश के कारण मिर्जापुर जिले में गंगा और उसकी सहायक नदी कर्णावती उफान पर है. गंगा नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर का असर कर्णावती नदी पर भी पड़ा है. कर्णावती नदी में बढ़े जलस्तर के कारण अकोढ़ी-बबुरा मार्ग पर पानी भर गया है. जिसके कारण लोगो का आवागमन ठप हो गया है. नदी पर बने पुल पर भी पानी भर गया है, जिसके कारण स्थानीय लोगो को आने-जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जलभराव के कारण आने-जाने में काफी समस्या हो रही है. किसी काम से बाहर जाने के लिए हर बार जान जोखिम में डालना होता है. स्थानीय लोगो की मांग है कि आवागमन के लिए शासन-प्रशासन द्वारा नाव उपलब्ध कराई जाए.

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

बता दें कि मिर्जापुर जनपद में गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ रहा है. जिसकी वजह से लोगो में खौफ का माहौल है. अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. बाढ़ क्षेत्र में कुल 37 बाढ़ चौकियां बनाई गईं है. बाढ़ चौकियों से हल्का के अधिकारियों को नगरानी करने के आदेश दिए गए हैं.

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
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गाजीपुर में खतरे के निशान तक पहुंची गंगा

पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश होने से अधिकतम नदियां उफान पर हैं. इसी क्रम में गाजीपुर जिले की सीमा से होकर गुजरने वाली गंगा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तटीय और निचले इलाकों में खलबली मच गई है.

शुक्रवार को गाजीपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर 62.40 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से करीब मात्र 70 सेंटीमीटर नीचे है. वहीं नदी का जलस्तर 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार बढ़ रहा है. गंगा का जलस्तर यदि इसी गति से बढ़ता रहा तो शुक्रवार की देर रात तक जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाएगा.

यूपी में बाढ़ का तांडव

जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचते ही जनपद के निचले इलाकों में पानी भर जाएगा. जिसके कारण स्थानीय लोगो के साथ-साथ जिला प्रशासन की धड़कने भी बढ़ी हुईं हैं. प्रभारी जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने बताया कि गंगा का बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं. इसको लेकर सभी इलाकों में खासकर गंगा के कटान वाले इलाकों में मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है. किसी भी आपदा की स्थिति में जिला प्रशासन पूर्ण रूप से तैयार है. आपदा के समय किसी तरह की जन-धन की हानि नहीं होने दी जाएगी.

हमीरपुर में यमुना, बेतवा और केन नदी उफान पर

हमीरपुर जिले में यमुना, बेतवा और केन नदी उफान पर है. यमुना और बेतवा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है. वहीं कुरारा क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों में पानी भर गया है. जिसके कारण लोग सड़को पर डेर डालने को मजबूर हो गए हैं. इसी क्रम में केन नदी में बढ़े जलस्तर से मौदहा क्षेत्र के गढ़ा गांव के चारो तरफ पानी भर गया है.

यूपी में बाढ़ का तांडव
यूपी में बाढ़ का तांडव

इसके अलावा हमीरपुर मुख्यालय से टिकरौली व पारा से कंडौरा मार्ग में बने रपटे में बेतवा का पानी भर गया है. जिसके कारण कई गांवो में आवागमन ठप हो गया है. माताटीला बांध से बेतवा में छोड़े गए 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी के कारण शनिवार तक जलस्तर 2 मीटर और बढ़ने की संभावना है. वहीं यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार की रात 12 बजे तक होने की संभावना है.

यूपी में बाढ़ का तांडव
यूपी में बाढ़ का तांडव

मौजूदा समय में बेतवा और केन दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं. शुक्रवार शाम 7.00 बजे यमुना का जलस्तर समुद्र तल से 105.47 मीटर ऊपर और बेतवा का जलस्तर 104.62 मीटर दर्ज किया गया. यमुना नदी का मौजूदा जलस्तर खतरे के निशान से करीब 2 मीटर अधिक है. वहीं बेतवा खतरे के निशान से 8 सेमी ऊपर बह रही है.

यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
यूपी में बाढ़ का तांडव, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

मौदहा बांध के अधिशाषी अभियंता करन पाल सिंह ने बताया कि बेतवा नदी में शुक्रवार शाम 4.00 बजे 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके अलावा 3 से 4 घंटे बाद 50 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ने की सूचना दी गई है. जिसके कारण बेतवा का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर और बढ़ने की संभावना है. यमुना-बेतवा नदियों का पानी बस्ती में घुसने से मुख्यालय के केसरिया डेरा, ब्रम्हा का डेरा, मेरापुर, जरैली मडैया, चंदुलीतीर व शंकरी पीपल के निकट गांवों में पानी भरने से ग्रामीणों ने राठ मार्ग में अपना डेरा जमा लिया है.


इस पढ़ें- यमुना का जलस्तर पहुंचा 118 मीटर के पार, प्रशासन ने बंद किया औरैया-जालौन मार्ग

Last Updated :Aug 6, 2021, 10:06 PM IST
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