राजकीय पॉलिटेक्निक में इंडस्ट्री की मांग के अनुसार खोले गए पाठ्यक्रमों में भी नहीं भरी सीटें

author img

By

Published : Nov 22, 2022, 3:10 PM IST

म

प्रदेश के राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं में खोले गए आधुनिक कोर्सों में इस बार प्रवेश की स्थिति बहुत ही खराब है. इंडस्ट्री के डिमांड के अनुसार शुरू हुए इन कोर्सों में फीस तक कम रखे गए थे. विभाग को उम्मीद थी कि छात्र इन कोर्सों के प्रति आकर्षित होंगे पर इस बार हुए प्रवेश के आंकड़े को देखा जाए तो परिषद को मायूसी ही हाथ लगी है.

लखनऊः प्रदेश के राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं में खोले गए आधुनिक कोर्सों में इस बार प्रवेश की स्थिति बहुत ही खराब है. इंडस्ट्री के डिमांड के अनुसार शुरू हुए इन कोर्सों में फीस तक कम रखे गए थे. विभाग को उम्मीद थी कि छात्र इन कोर्सों के प्रति आकर्षित होंगे पर इस बार हुए प्रवेश के आंकड़े को देखा जाए तो परिषद को मायूसी ही हाथ लगी है. राजधानी के राजकीय पॉलिटेक्निक के साथ-साथ प्रदेश के सभी राजकीय पॉलिटेक्निक में शुरू हुए इन आधुनिक कोर्स में प्रवेश की स्थिति बहुत ही खराब है. पॉलिटेक्निक की काउंसिलिंग में छात्रों ने इन पाठ्यक्रमों में दाखिला नहीं लिया.

लखनऊ के राजकीय पॉलिटेक्निक और राजकीय महिला पॉलिटेक्निक दो संस्थान हैं. राजकीय महिला पॉलिटेक्निक संस्थान में इंटरनेट ऑफ थिंग्स पाठ्यक्रम की शुरूआत इसी सत्र से की गई है. यह एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम है, और इसमें 75 सीटें निर्धारित हैं. प्रधानाचार्य संजय के श्रीवास्तव ने बताया कि इस कोर्स का करिकुलम इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा डिमांड पर है. वर्तमान में मनुष्य के उपयोग की हर चीज इंटरनेट के माध्यम से नियंत्रित की जा रही है. ऐसे में इस तकनीक के दक्ष विशेषज्ञों की इंडस्ट्री में बेहद डिमांड है. काउंसिलिंग में एक भी छात्र ने इस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं लिया. सारी सीटें खाली हैं.

राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान में इस सत्र में साइबर सिक्योरिटी और ड्रोन टेक्नोलाॅजी पर पाठ्यक्रम की शुरूआत की गई. यह दोनों ही पाठ्यक्रम एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा हैं और दोनों में ही 75-75 सीटें निर्धारित हैं. जिस तरह से हर काम अब इंटरनेट के माध्यम से होने लगा है. ऐसे में साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में दक्ष लोगों की भारी कमी है. ड्रोन टेक्नोलाॅजी भविष्य में सबसे ज्यादा मांग वाली तकनीक बनने जा रही है. काउंसॉिलिंग में ड्रोन टेक्नोलाॅजी की 89 प्रतिशत सीटें खाली हैं. साइबर सिक्योरिटी की 60 प्रतिशत सीटें खाली हैं. इनके अलावा एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा वाले अन्य पाठ्यक्रम कंप्यूटर हाईवेयर नेटवर्किंग, वेब डिजाइन और दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स मास क यूनिकेशन का भी हाल ज्यादा अच्छा नहीं है. इन सभी में 60 प्रतिशत से ज्यादा सीटें खाली हैं.

यह है आधुनिक कोर्सों का हाल
पाठ्यक्रम खाली सीटें कुल सीटें
इंटरनेट ऑफ थिंग्स, पीजी डिप्लोमा 75 75
ड्रोन टेक्नोलाॅजी, पीजी डिप्लोमा 75 67
कंप्यूटर हार्डवेयर नेटवर्किंग, पीजी डिप्लोमा 50 75
साइबर सिक्योरिटी, पीजी डिप्लोमा 45 75
वेब डिजाइन, पीजी डिप्लोमा 46 75
मास कम्युनिकेशन, द्विवर्षीय डिप्लोमा 55 75

लखनऊ के अलावा प्रदेश के दूसरे राजकीय पॉलिटेक्निक में भी शुरू किए गए नए कोर्सों का यही हाल है. ज्यादातर कोर्सों में 40% से अधिक सीटें खाली रह गई हैं. संयुक्त प्रवेश परीक्षा के सचिव रामरतन (Joint Entrance Examination Secretary Ramratan) ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश कम होने का एक कारण प्रचार- प्रसार की कमी को कारण माना जा रहा है. छात्रों को इन पाठ्यक्रमों के करिकुलम व भविष्य में इसके लाभ को लेकर जानकारी कम है. साथ ही उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं है कि ये पाठ्यक्रम राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में खोले गए हैं.

यह भी पढ़ें : पिता की पिटाई करने वाले को दिनदहाड़े दी सजा-ए-मौत, हत्या का वीडियो आया सामने

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.