नए साल से लोहिया संस्थान में भी होगा लिवर ट्रांसप्लांट

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Published : Nov 22, 2022, 9:14 PM IST

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डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. Ram Manohar Lohia Institute of Medical Sciences) लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करने की तैयारी में जुटा है. जल्द ही संस्थान प्रशासन और दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज (Institute of Liver and Biliary Sciences) के बीच समझौता ज्ञापन (memorandum of Understanding) साइन हो जाएगा.

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. Ram Manohar Lohia Institute of Medical Sciences) लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करने की तैयारी में जुटा है. इसके लिए संस्थान प्रशासन ने दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज (Institute of Liver and Biliary Sciences) के साथ एक समझौता ज्ञापन (memorandum of Understanding) साइन करने का मन बनाया है. जल्द ही दोनों संस्थानों के बीच एक समझौता ज्ञापन साइन हो जाएगा. बताया जा रहा है कि सबसे पहले लिवर की गंभीर बीमारी झेल रहे बच्चों के ट्रांसप्लांट पर विचार हो रहा है. उसके बाद वयस्कों के लिवर प्रत्यारोपण की तैयारी की जाएगी. संस्थान के पास इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक के तौर पर डॉ. पीयूस उपाध्याय मौजूद हैं.

दरअसल, अक्टूबर में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की सहमति मिलने के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डेडिकेटेड ट्रांसप्लांट सेंटर निमार्ण की तैयारी शुरू हो गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2023 में इस डेडिकेटेड ट्रांसप्लांट सेंटर (Dedicated Transplant Center) के शुरू होने से किडनी और लिवर की बीमारी झेल रहे मरीजों को राहत मिलनी शुरू हो जाएगी. इसके अलावा इस सेंटर में मरीजों का बोनमेरो ट्रांसप्लांट भी हो सकेगा.

लोहिया संस्थान (Lohia Institute) में किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) लंबे समय से हो रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है. इसके पीछे की वजह ओटी की संख्या कम होना बताया जा रहा है. सर्जरी और ट्रांसप्लांट का काम एक ही ओटी में होता है. ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट की राह देख रहे मरीजों को इंतजार करना पड़ता है. मौजूदा समय में किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) के लिए 6 से 8 महीने की वेटिंग चल रही है. डेंडीकेटेड ट्रांसप्लांट सेंटर के बन जाने से महीनों की वेटिंग खत्म हो जाएगी और मरीजों को कुछ सप्ताह का ही इंतजार करना पड़ेगा.

लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद (Prof. Sonia Nityanand, Director of Lohia Institute)ने बताया है कि डेडिकेटेड ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू होने से लिवर, किडनी व बोनमेरो का प्रत्यारोपण हो सकेगा. एक ही छत के नीचे मरीजों को उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिल सकेगी. उन्होंने बताया कि ट्रांसप्लांट सेंटर के लिए जगह निर्धारित हो गई. जिस जगह पर इस सेंटर को बनाया जाना है, वहां पर अभी माइक्रोबायोलॉजी व पैथालॉजी विभाग संचालित हो रहा है. इन विभागों के स्थानान्तरण के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट के लिए एमओयू साइन करने पर विचार चल रहा है.

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