Congress comment on Global Investor Summit : इन्वेस्टर समिट भाजपा सरकार के लिए घोटाले का माध्यम, जानिए किसने कही यह बात

Congress comment on Global Investor Summit : इन्वेस्टर समिट भाजपा सरकार के लिए घोटाले का माध्यम, जानिए किसने कही यह बात
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन को लेकर विपक्षी दल भाजपा को घेरने में जुटे हैं. बीते तीन इन्वेस्टर समिट से उत्तर प्रदेश को कोई विशेष लाभ न मिलने को लेकर कांग्रेस (Congress comment on Global Investor Summit) ने भी भाजपा के इस आयोजन को दिखावा और मंत्री व अधिकारियों का सैर सपाटा करार दे रही है.
लखनऊ : प्रदेश में 10 से 12 फरवरी को आयोजित हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरते हुए हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें भी इन्वेस्टर समिट किया करती थीं, लेकिन जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई है इन्वेस्टर समिट घोटाले का एक माध्यम बन गया है. लगभग हर साल इस इवेंन्ट कर प्रचार-प्रसार के साथ ही जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद किया जाता है.
योगी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन्वेस्टमेंट के नाम पर सिर्फ झूठे वादे कर रही है. प्रदेश में जितना इन्वेस्टमेंट का दावा किया गया है और वह कितना इन्वेस्ट प्रदेश में हुआ है. इसकी झलक प्रदेश की जनता बीते तीन इन्वेस्टर्स समिट में देख चुकी है. इसके पूर्व जितने समिट हुए हैं हजारों करोड़ के एमओयू साइन होना बताया गया. उसमें से कितने उत्तर प्रदेश के धरातल पर आए, यह सवाल अभी बना हुआ है. सरकार जवाब देने में असहज है. मंत्रियों एवं अधिकारियों को विदेशों में भेजा गया. इसके बाद देश के तमाम राज्यों में भेजा गया जो सुख सुविधा लेते हुए शीतकालीन अवकाश, इसी बहाने मना आए तथा पर्यटन लाभ लिया. अब बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हजारों करोड़ के एमओयू साइन हो रहे हैं.
खाबरी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश जहां महंगाई विभीषिका बन कर खड़ी है. बेरोजगारी नौजवानों की जान लेने पर अमादा है. कानून व्यवस्था का हाल बदहाल है. किसान अपनी लागत के लिए परेशान है. ऐसे हालातों में जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद करने का कोई हक सरकार को नहीं है. प्रदेश का नौजवान दूसरे जगहों पर पलायन के मजबूर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में तमाम छोटे बड़े उद्योग बदहाल स्थिति में हैं. यदि सरकार को प्रदेश की खुशहाली की तनिक भी चिंता होती तो जो पैसा हुआ प्रचार प्रसार में खर्च कर रही है. वहीं पैसा सरकार उनकी मदद करती तो बेरोजगारी कुछ हद तक अवश्य कम होती. उन्होंने कहां की प्रदेश सरकार ने इससे पहले भी जनता की गाढ़ी कमाई से इसके पूर्व तीन बार इन्वेस्टर समिट आयोजित करा चुकी है. उन्होंने सरकार से बीते तीनों इन्वेस्टर समिट पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की.
