योगी बोले- हमारी सरकार ने सीएम आवास में गुरु नानक जी का प्रकाश उत्सव मनाया, सपा के कार्यकाल में होते थे दूसरे तरह के आयोजन

योगी बोले- हमारी सरकार ने सीएम आवास में गुरु नानक जी का प्रकाश उत्सव मनाया, सपा के कार्यकाल में होते थे दूसरे तरह के आयोजन
लखनऊ में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने आलमबाग में खालसा चौक (Khalsa Chowk) का लोकार्पण किया. इस दौरान योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में दूसरे तरह के आयोजन होते थे.
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आलमबाग में खालसा चौक का लोकार्पण किया. टेढ़ी पुलिया के नाम से जाना जाने वाला यह चौराहा अब खालसा चौक के नाम से जाना जाएगा. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सपा पर निशाना साधा. कहा कि उनसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय में अन्य तरह के आयोजन होते थे. वहीं प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व का भव्य आयोजन हुआ है.
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लखनऊ में आज खालसा चौक के लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 19, 2023
सिख गुरु जन का त्याग और बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा है। सिख इतिहास से हम सभी हमेशा गौरवान्वित होते हैं।
सभी को हृदय से बधाई! pic.twitter.com/8EZ9Xo3PaS
त्याग, बलिदान परंपरा को सीएम ने नमन किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिख धर्म के दसवें गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिन्द सिंह के ज्योति ज्योत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास हमें भारत की गौरवशाली विजयगाथा का स्मरण कराता है. उन्होंने सिख समाज के त्याग, बलिदान परंपरा, धर्म के प्रति समर्पण और समाज के प्रति सेवाभाव को नमन किया. कहा कि गुरुओं का बलिदान हमेशा प्रेरणा देता रहेगा. बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाया गया है.
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत कई लोग रहे मौजूद
मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, राज्यमंत्री परमिंदर सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान राजेन्द्र सिंह बग्गा, प्रधान गुरुद्वारा शंकरनगर आलमबाग के प्रधान सरदार मनमोहन सिंह सेठी समेत सिख समाज के लोग भारी संख्या में उपस्थित थे.
