डाक विभाग, एसबीआई, एसएसबी एफसीआई के फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर की मदद से ठगी करने वाला गिरफ्तार
Published: Mar 19, 2023, 9:59 PM


डाक विभाग, एसबीआई, एसएसबी एफसीआई के फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर की मदद से ठगी करने वाला गिरफ्तार
Published: Mar 19, 2023, 9:59 PM
अगर कोई आपको नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा मांगता है. तो जरा सावधान हो जाए, क्योंकि लखनऊ पुलिस ने ऐसे बदमाश को गिरफ्तार किया है, जो कि डाक विभाग, एसबीआई, एसएसबी एफसीआई के फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर की मदद से ठगी करता है.
लखनऊ: अगर आप सरकारी विभाग में नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं तो शॉर्टकट का रास्ता बिल्कुल भी न अपनाएं. अगर कोई आपसे सरकारी विभाग जैसे कि डाक विभाग, एसबीआई, एसएसबी और एफसीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे मांगता है और पैसे के बदले नौकरी देने का वादा करता है तो उसके प्रलोभन में न आएं, आप धोखा उठा सकते हैं. राजधानी लखनऊ में डाक विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसके पास से फर्जी जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड बरामद किए गए हैं.
गोमतीनगर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डाक विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले मिथिलेश राजभर को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मिथिलेश राजभर अपने साथी अंकित कटारिया, महेश सिंह, बृजेंद्र, विपिन कुमार और रितेश श्रीवास्तव के साथ मिलकर एक गिरोह का संचालन करता है. गिरोह के लोग लोगों को सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं. जिसके बाद उनसे पैसा लिया जाता है. पैसा लेने के लिए आरोपी उन्हें फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर, जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड देते हैं, जिसको देने के बदले में आरोपियों द्वारा पैसा लिया जाता है.
सरकारी नौकरी पाने के लिए लोक शॉर्टकट का रास्ता अपनाते हैं. जिसके लिए और पैसे देने के लिए तैयार हो जाते हैं. ऐसे लोगों को यह आरोपी शिकार बनाते हैं. लोगों को विश्वास में लेने के लिए उन्हें फर्जी दस्तावेज दिए जाते हैं. जॉइनिंग लेटर, आईडी कार्ड देकर आरोपी पैसा वसूलते हैं. हालांकि, जब यह जॉइनिंग लेटर लेकर आरोपी विभाग में पहुंचते हैं तो विभाग द्वारा उन्हें बताया जाता है कि इस तरीके का कोई भी जॉइनिंग लेटर विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है. ऐसा ही राजधानी लखनऊ में एक पीड़ित के साथ हुआ. जिसके बाद गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस ने पीड़ित की एफआईआर पर तफ्तीश की तो पता चला कि सारे काम के पीछे एक गिरोह है, जिसके बाद आरोपी मिथिलेश राजभर को गिरफ्तार किया गया. जिसके ऊपर गिरोहबंद कानून के तहत भी कार्रवाई की गई है.
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