BJP के विरोध में नोटा दबाएंगे शिक्षक अभ्यर्थी: बोले-आए थे तवायफों के कोठे बंद कराने, खुद सिक्कों की खनक से मुजरा कर बैठे

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Published : Oct 2, 2021, 5:38 PM IST

etv bharat

योगी सरकार से त्रस्त शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार आंख मूंदकर बैठी हुई है. वो हमारी मांगों पर अमल नहीं करना चाहती. अगर, यही हठधर्मी का रवैया रहा तो सरकार को इसका नतीजा विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा. एक महिला अभ्यर्थी का कहना है कि योगी सरकार आई थी 'तवायफों के कोठे बंद कराने, खुद सिक्कों की खनक से मुजरा कर बैठी'.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP assembly elections 2022) में इस बार भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के लिए बड़ी चुनौतियां हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए वोट हासिल करना मुश्किल हो सकता है. क्योंकि, राज्य में किसानों और युवाओं ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. खासकर, 69000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teacher Recruitment) में 22,000 पदों को जोड़ने के लिए अभ्यर्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Chief Minister Yogi Adityanath) के आवास के सामने लगभग 4 महीने से धरनारत हैं.

धरने में शामिल महिलाएं और बेरोजगार अभ्यर्थियों ने योगी सरकार के खिलाफ जमकर अपना गुस्सा जाहिर किया. धरने में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि वे 2022 के विधानसभा चुनाव भाजपा को वोट नहीं करेंगे. चाहे उन्हें नोटा क्यों न दबाना पड़े. एक महिला अभ्यर्थी का कहना है कि योगी सरकार आई थी 'तवायफों के कोठे बंद कराने, खुद सिक्कों की खनक से मुजरा कर बैठी'.

धरनारत शिक्षक अभ्यर्थियों से संवाददाता की बातचीत.



साढ़े चार साल के कार्यकाल वाली योगी सरकार का दावा है रोजगार मिशन के तहत प्रदेश के चार लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है. लेकिन, जो ग्राउंड से धरना-प्रदर्शन, आंदोलन और हड़ताल जैसी स्थितियां बन रही हैं वो सरकार के दावे और हकीकत को उजाकर कर रही हैं. प्रदेशभर में प्रतियोगी परिक्षाओं के अभ्यर्थी रोजगार के लिए भटक रहे हैं. इन्हीं सब मुद्दों पर बात करने के लिए ईटीवी भारत ने कुछ शिक्षक अभ्यर्थियों जो करीब पिछले चार माह से 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती में 22000 पदों को जोड़ने के लिए धरनारत हैं उनसे बात की.

अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर, वैकेंसी क्लियर नहीं होती है तो वे लोग आगामी विधानसभा चुनाव में नोटा दबाएंगे. अभ्यर्थियों का कहना है कि हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है. इसलिए नोटा का ऑप्शन बेहतर है. सरकार से नाराज अभ्यर्थियों के बताया कि वे 22 हजार सीटों को जोड़ने की मांग कर रहे हैं. 107 वां दिन से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. अभ्यर्थियों ने साफ कहा कि अगर 22,000 हजार सीटों को जोड़ दिया जाता है तो हम और हमारे जानने वाले लगभग 64 हजार से अधिक लोग बीजेपी को वोट करेंगे. अगर, मांगें पूरी नहीं की जाती तो इसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाला है. जितने भी युवा हैं सभी नोटा बटन दबाएंगे.

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युवाओं का कहना है कि हमें पढ़ा लिखा यूपी चाहिए, जहां शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और बिजली-पानी हो. ऐसा लीडर चाहिए जो युवाओं को रोजगार दे, साथ ही कथनी और करनी पर काम करता हो भाषणबाजी पर नहीं. योगी सरकार से त्रस्त छात्रों का कहना है कि सरकार आंख मूंदकर बैठी हुई है. वो हमारी मांगों पर अमल नहीं करना चाहती. अगर, यही हठधर्मी का रवैया रहा तो सरकार को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा.

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