नामिश के लिए आज का दिन था बेहद खास, मां और दोस्तों को बतानी थी ऐसी बात, लेकिन...
Published: Nov 21, 2023, 4:16 PM


नामिश के लिए आज का दिन था बेहद खास, मां और दोस्तों को बतानी थी ऐसी बात, लेकिन...
Published: Nov 21, 2023, 4:16 PM

एसआईटी एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे नामिश के लिए आज का दिन बेहद खास था. इसके पहले वह अपनी खुशी अपनी मां और दोस्तों से साझा कर पाता, एक बेकाबू कार मौत बनकर उसे रौंद गई. पड़ोसियों का कहना है कि श्वेता अपने इकलौते बेटे नामिश को लेकर काफी सजग और सतर्क रहती थीं, लेकिन आज का दिन उन्हें जीवनभर का दुख दे गया.
लखनऊ : श्वेता मैम अपने बच्चे को फूल की तरह रखती थी, अभी दीपावली की ही तो बात है जब उन्होंने अपने बेटे के साथ सिर्फ दो फुलझड़ी जलाई और अंदर चली गईं. हमने पूछा क्या हुआ तो बोली पॉल्यूशन बहुत है, बेटा बीमार हो जाएगा. यह कहना है यूपी पुलिस में एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के पड़ोसियों का, जो मंगलवार को उनके बेटे की सड़क हादसे में मौत के बाद स्तब्ध हैं. गाजीपुर के संजय गांधीपुरम इलाके में हर तरफ सन्नाटा पसरा है और इसी इलाके में एएसपी का श्वेता श्रीवास्तव घर है.
नौकरी और मां की बराबर जिम्मेदारी संभालती हैं : एसआईटी एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के पड़ोस में रहने वाली बुजुर्ग महिला ने बताया कि श्वेता अपने बेटे के साथ यहां रहती थीं. उनके पति अभिनव श्रीवास्तव गुड़गांव में बैंक अधिकारी हैं. ऐसे में नौकरी के साथ बच्चे का ख्याल वे खुद रखती थीं. वैसे तो हर मां अपने बच्चों को फूल की तरह रखती है, लेकिन वे कुछ ज्यादा ही सतर्क थीं. इसके पीछे उनका पुलिस अधिकारी होना हो सकता है या फिर अपने बच्चे को लेकर कुछ अधिक ही चिंतित रहना भी.
एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के साथ हुई दुखद घटना |
|
बेटे के लिए सिर्फ दो फुलझड़ियां जलाईं : संजय गांधी पुरम के रहने वाले रोहित ने बताया कि इस दीपावली में हम सभी लोग पटाखे फोड़ रहे थे. हम लोगों को देख श्वेता मैम भी अपने घर के बाहर बेटे नामिश के साथ आई थीं. हालांकि उन्होंने सिर्फ दो ही फुलझड़ी जलाईं और अंदर जाने लगीं. हम लोगों ने कहा कि अभी कहां जा रही हैं अभी तो और पटाखे फोड़ने हैं. इस पर श्वेता मैम ने कहा कि नीं अभी जाना पड़ेगा, पॉल्यूशन बहुत है और नामिश को ऐसे स्थिति में बाहर नहीं रख सकती हूं.
हर पल बेटे के साथ रहना चाहती थीं श्वेता : एएसपी श्वेता श्रीवास्तव के सहकर्मी पीपीएस अधिकारी विकास चंद्र त्रिपाठी ने जैसे ही नामिश की मौत की खबर सुनी तो वे संजय गांधी पुरम स्थिति घर पर आ गए थे. उन्होंने बताया कि श्वेता से जब भी मुलाकात होती है तो वह अपने बेटे नामिश के बारे में जरूर बात करती थी. बच्चे की स्कूलिंग, उसकी शैतानियों के बारे में हमेशा बताती रहती थी. श्वेता कोशिश करती थी कि जब भी बेटा बाहर कहीं जाए तो वह साथ ही रहे.
पार्किंग स्थल पर रोजाना बच्चे स्केटिंग करते हैं : राजधानी में जनेश्वर पार्क के गेट संख्या 6 के अंदर घुसते ही पार्किंग स्थल पर रोजाना बच्चे स्केटिंग करते हैं. यहां बकायदा ट्रेनर बच्चों को स्केटिंग सिखाते हैं. एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव भी रोजाना अपने बेटे नामिश को लेकर जनेश्वर पार्क आती थीं. जहां वह स्केटिंग की प्रैक्टिस किया करता था. पार्किंग स्थल पर स्केटिंग करने के बाद ट्रेनर अपने स्टूडेंट को सड़क पर स्केटिंग कराने बाहर ले जाते हैं. लिहाजा मंगलवार को नामिश को भी बाहर स्केटिंग करनी थी. सुबह पांच बजे नामिश जनेश्वर पार्क पहुंचा था, जहां उनके ट्रेनर उसे जी 20 रोड पर लेकर चले गए. एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव अपनी गाड़ी में ही बैठी थीं.
